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अंबानी बंधुओं के गैस विवाद पर फ़ैसला आज

७ मई २०१०

अंबानी बंधुओं के बीच छिड़े गैस विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट फ़ैसला सुनाएगा. फ़ैसले का दोनों भाइयों की कंपनियों के शेयरों पर असर पड़ना तय है. चीफ़ जस्टिस केजी बालकृष्णन की अगुवाई वाली बेंच करेगी फ़ैसला.

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तस्वीर: Wikipedia/LegalEagle

कृष्णा गोदावरी बेसिन की गैस किस दर पर बेची जाएगी इसका फ़ैसला आज सुप्रीम कोर्ट करेगा. इस मामले में अरबपति अंबानी भाइयों के अलावा भारत सरकार भी शामिल है. अनिल अंबानी चाहते हैं कि बड़े भाई 2005 में पारिवारिक संपत्तियों के बंटवारे के समय हुए करार के हिसाब से चले और गैस सस्ती दरों पर दें. यह मुकेश अंबानी की कंपनी को मंज़ूर नहीं है.

केजी बेसिन से गैस आपूर्ति करने का ठेका मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज़ (RIL) के पास है. गैस, पावर प्लांट चलाने के लिए अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस नेचुरल रिसोर्स लिमिटेड को बेची जानी है. अनिल अंबानी का कहना है कि गैस 2005 में हुए पारिवारिक क़रार के तहत सस्ती दरों पर मिलनी चाहिए. यह क़ीमत सरकारी रेट से क़रीब आधी है.

Mukesh Ambani, Industrialist, Indien
सरकारी रेट से गैस मिलेगी: मुकेशतस्वीर: AP

दोनों भाइयों के विवाद में सरकार भी फंसी हुई है. मुकेश अंबानी का कहना है कि अनिल की कंपनी जिस रेट पर गैस सप्लाई चाहती है, वह मुमकिन नहीं है. मुकेश के मुताबिक अनिल की कंपनी को 17 साल तक गैस सप्लाई करने के क़रार को सरकार की मंज़ूरी नहीं मिली है. बड़े भाई का कहना है कि उनकी कंपनी सरकारी रेट पर गैस बेचेगी. मुकेश का तर्क है कि गैस सरकार की संपत्ति है उनकी कंपनी तो बस ठेकेदार है.

पूरे विवाद पर सरकार का कहना है कि गैस को लेकर किसी तरह के पारिवारिक करार को नहीं माना जाएगा. गैस सरकार की है, इसलिए कीमत को लेकर केंद्र की अनुमति के बिना दो निजी पक्ष क़रार नहीं कर सकते. सरकार का कहना है कि उसने गैस की क़ीमत तय करने के लिए एक नया फॉर्मूला तैयार किया है.

भारत अपनी ऊर्जा की ज़रूरत पूरी करने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है. 70 फ़ीसदी ऊर्जा संबंधी ज़रूरतें आयात के ज़रिए पूरी की जाती है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का आज का फ़ैसला गैस आपूर्ति को लेकर सरकार का बोझ काफी कम कर सकता है.

सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का असर अंबनी बंधुओं की कंपनियों के शेयरों पर पड़ना तय है. बाज़ार के जानकारों का कहना है कि जिसकी जीत होगी उसके शेयर आसमान की तरफ़ उछलेंगे, मायूस होने वाले पक्ष के शेयर गोते लगाएंगे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: आभा मोंढे