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अदृश्य सेक्रेटरी निपटाएगी आपका काम

१५ सितम्बर २०१०

क्या आप अपने रोजाना का काम भूल जाते हैं. दवा लेना भूल जाते हैं या किसी का बर्थडे याद नहीं रहता. अब उपाय निकल गया है. अदृश्य सेक्रेटरी आपकी मदद करेगी. आप उसे जानेंगे भी नहीं और आपका काम आसान दर पर हो जाएगा.

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तस्वीर: ap

कारोबार की तैयारियों से लेकर आपके फोन अटेंड करने तक और अगर आप किसी अनजानी जगह में फंस गए हैं, तो वहां से सही रास्ता दिखाने तक. यह अदृश्य सेक्रेटरी सब कुछ करेगी.

वर्चुअल असिस्टेंस कंपनी एमआईपीए शुरू करने वाले सिद्धार्थ राजगढ़िया बताते हैं, "किसी और जगह पर बैठा शख्स आपकी जरूरतों को पूरा करता है. यह काम ज्यादातर कांट्रैक्ट पर किया जाता है. आपको उनसे मिलने की जरूरत नहीं है. आप बस उन्हें फोन पर या ईमेल से अपनी बात बता दें और फिर आपका काम वक्त पर हो जाएगा."

यह आइडिया कैसे आया, राजगढ़िया का कहना है, "मैं ऐसा काम कर रहा था, जहां मुझे बहुत ज्यादा ट्रैवल करना पड़ता था और फिर मैं चीजें भूलने लगा. उसके बाद मुझे सेक्रेटरी रखनी पड़ी, जिसके लिए मुझे काफी खर्च करना पड़ता था. इसके बाद मैंने अपनी नौकरी छोड़ दी और दूसरे लोगों की मदद के लिए यह कंपनी बना डाली."

Indien als Wirtschaftsmacht
आपके लिए कोई और याद रखेगातस्वीर: dpa

इस कॉन्सेप्ट पर अब तेजी से काम हो रहा है और कई लोग ऐसी अदृश्य सेक्रेटरी रखने लगे हैं. राजगढ़िया का कहना है, "आपके कारोबार को आपके समय की जरूरत होती है और ऐसे में कुछ काम आप दूसरों के भरोसे छोड़ सकते हैं. इस तरह ज्यादा जरूरी चीजों पर आप ज्यादा ध्यान दे सकेंगे."

इस तरह की एक सेवा है कॉल आन्सरिंग. जब आप अपना फोन नहीं उठा सकते, तो इसे अपने वर्चुअल सेक्रेटरी के पास फॉरवर्ड कर दें. चार महीने पहले शुरू हुई इस सेवा को 500 लोगों ने अपनाया है. वर्चुअल सेक्रेटरी के तौर पर काम कर रहे मोहित का कहना है, "कई मौके ऐसे होते हैं, जब आप व्यस्त होने की वजह से फोन नहीं पिक कर पाते. ऐसे में वर्चुअल सेक्रेटरी आपका फोन सुनते हैं और आपके लिए इसका जवाब देते हैं. बाद में आप तक संदेश पहुंचा दिया जाता है."

मोहित और उसके सहयोगी साल के सभी 365 दिन काम करते हैं. उनका कहना है, "हमें सबसे ज्यादा रविवार को फोन आते हैं. उस दिन लोग अपने परिवार के साथ वक्त बिताना चाहते हैं और फोन बंद रखते हैं. हम उनके लिए संदेश ले लेते हैं और शाम में साढ़े आठ बजे से नौ बजे तक उन्हें सारी बात ईमेल से बता देते हैं." इस सेवा में इंटरनेट भी बड़ी भूमिका निभा रहा है.

राजगढ़िया का कहना है कि उनके क्लाइंट बिल जमा कराने, बच्चों को स्कूल लाने ले जाने, फूल भेजने और मीटिंग फिक्स करने के लिए उनसे सेवा मांगते हैं. उनका कहना है, "शुरू शुरू में लोग थोड़ा शक की नजर से देखते हैं कि वह कौन है, जिन्हें वे अपने बारे में सब कुछ बताएं. लेकिन धीरे धीरे यह लोकप्रिय हो रहा है. हमारी मेहनत का नतीजा है कि अभी तक हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई है."

दिल्ली में वर्चुअल सेक्रेटरी के तौर पर काम कर रहे सचिन गुप्ता का कहना है, "एक साल पहले तक मैं एक नियमित सेक्रेटरी के तौर पर काम कर रहा था. लेकिन अब यह काम शुरू कर दिया है. मैं इससे अपने क्लाइंट के साथ अच्छा रिश्ता भी बना सकता हूं." राजगढ़िया का भी कहना है कि अदृश्य सेक्रेटरी और उसके क्लाइंट के बीच अच्छा रिश्ता जरूरी है.

दिल्ली में कारोबार कर रहे 44 साल के जतिंदर तनेजा कहते हैं, "मैंने कई वर्चुअल सेक्रेटरी रखे लेकिन सही आदमी तक पहुंचने में थोड़ा वक्त लगा, जो आपकी जरूरत को समझ सके." खास तौर पर छोटे कारोबारियों को ये सेवा बहुत पसंद आ रही है, जो अपने कारोबार की शुरुआत में सेक्रेटरी पर ज्यादा खर्च नहीं कर सकते.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः आभा एम