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तिब्बत, काशिन बेक, हड्डियों की बीमारी, tibbet, Kashin-Beck disease

१८ अक्टूबर २०१०

तिब्बत में हड्डियों की एक ऐसी बीमारी लोगों के शरीरों में घर कर रही है जिसका कोई इलाज नहीं है. अजीब किस्म की यह बीमारी तिब्बत के दूर दराज के इलाकों तक फैल गई है और एक लाख 70 हजार लोग इसके खतरे की जद में हैं.

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तस्वीर: picture-alliance / dpa

तिब्बत के कामदो क्षेत्र की 11 काउंटी में 14,662 लोगों को काशिन-बेक नाम की इस बीमारी से ग्रस्त पाया गया है. स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के एक सर्वेक्षण में पता चला है कि कामदो क्षेत्र में इस बीमारी का सबसे ज्यादा असर हो रहा है. इस सर्वेक्षण से पता चला है कि एक लाख 70 हजार लोगों को यह बीमारी होने का गंभीर खतरा है.

शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया है कि इस बीमारी से पीड़ित लोगों के जोड़ मोटे हो जाते हैं और उनकी शक्ल भी बदल जाती है. इसका असर यह होता है कि धीरे धीरे वे काम करने के लायक नहीं रहते. डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी की वजह का अभी तक पता नहीं चल पाया है.

कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि जौ में मिलने वाली एक तरह की फफूंदी इसकी वजह हो सकती है. कुछ अन्य विशेषज्ञ आयोडीन की कमी को इसकी वजह मान रहे हैं. इस क्षेत्र में जौ प्रमुख भोजन है.

स्थानीय प्रशासन अब लोगों को एक जगह से हटाकर दूसरी जगह बसा रहा है ताकि बीमारी और ज्यादा लोगों तक न फैले.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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