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अपने मुर्दों को भी नहीं छोड़ते ये लोग

आरपी/एमजे४ अगस्त २०१६

इंडोनेशिया के एक दूरदराज कोने में रहने वाले एक समुदाय के लिए प्राण निकलने के बाद भी लोगों को अपनी दुनिया में सहेज कर रखा जाता है. कभी हफ्ते तो कभी सालों तक मुर्दों के साथ ही रहते हैं टोराजन.

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Toraja Indonesien Ke te Kesu
तस्वीर: DW/G.Simone

इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर रहने वाले टोराजन लोगों की मौत को लेकर बहुत अलग मान्यताएं हैं. जब तक उनके समुदाय के किसी मरने वाले के नाम पर एक पानी के भैंसे की बलि नहीं दी जाती, तब तक वे उस व्यक्ति को पूरी तरह मृत नहीं मानते. क्योंकि भैंसे को वे मृतक को इस दुनिया से ले जाने वाली सवारी मानते हैं. तब तक मृतक के शव को परिवार अपने घर में वैसे ही रखता है जैसे कि वो जिंदा हो. इसी समुदाय के कुछ लोग तो मृतकों का दूसरा अंतिम संस्कार भी करते हैं. इसके लिए वे शव को खास तरीकों से सालों साल संभालते हैं. कुछ साल बाद उसे निकाल कर सफाई की जाती है, नए कपड़े पहनाए जाते हैं और इस तरह वे अपने मृत परिजनों के प्रति सम्मान दिखाते हैं.

इस परंपरा में भी परिवार वाले जितने अमीर हों वे उतने लंबे समय तक शवों को संभाल कर रखवा पाते हैं. गरीब परिवार कुछ दिन तो वहीं अमीर लोग कई साल तक. संपन्न परिवारों के अंतिम संस्कार समारोह भी हफ्तों तक चलते हैं. यह ठीक ठीक नहीं पता कि इस परंपरा की शुरुआत कब से हुई. टोराजन लोगों के लकड़े के ताबूतों की कार्बन डेटिंग प्रक्रिया से जांच करने पर पता चला है कि यह परंपरा नौंवी सदी जितनी पुरानी लगती है.