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अपने ही डुबा रहे हैं आप की नैया

२ मार्च २०१५

सोमवार सुबह आम आदमी पार्टी के नेता योगेन्द्र यादव के बयान से सब शांत हो जाना चाहिए था लेकिन ऐसा हुआ नहीं. देखें सोशल मीडिया की हलचलें...

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Indien Anhänger der AAP-Partei
तस्वीर: picture-alliance/Zuma Press/A. Shivaani

आम आदमी पार्टी के नेता योगेन्द्र यादव ने साफ किया कि प्रशांत भूषण और उनको लेकर लगाई जा रही तमाम अटकलों में कोई सच्चाई नहीं है. फिर भी भूषण का खत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कार्यप्रणाली पर कई अनुत्तरित सवाल छोड़ चुका है. सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर #ITrustAK हैंडिल के साथ कई हजार लोग अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं. कुछ मीडिया संस्थानों और वरिष्ठ पत्रकारों ने पूरे मामले को कुछ इस तरह देखा.

गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी जनलोकपाल बनाने की मांग के साथ शुरू से जुड़े केजरीवाल ने आंदोलन के बाद आगे बढ़कर अपना राजनीतिक दल बनाया था. अब उनके ही दल से सवाल उठे हैं कि क्या दिल्ली का मुख्यमंत्री रहते हुए दल का राष्ट्रीय संयोजक भी बने रहना ठीक है. कहीं ना कहीं भूषण के खत में लिखी बातें भी इसी तरह के सवाल खड़े करती हैं कि पार्टी में एक ही व्यक्ति का राज है. आगामी 4 मार्च को आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इन तमाम बातों पर चर्चा होने की उम्मीद है.

दिल्ली में हुए विधानसभा चुनावों में केजरीवाल की पार्टी को भारी बहुमत से पांच साल तक सरकार चलाने के लिए चुनने वालों को इस आंतरिक दोषारोपण से बेचैनी जरूर हो रही है. ट्विटर पर ही पार्टी के कई समर्थकों ने #AAPUnited के नारे के साथ तमाम संदेश पोस्ट किए.

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के चुने जाने से पहले विपक्षी पार्टियों ने केजरीवाल पर कई तरह के आरोप लगाए थे. लेकिन अब, जबकि दिल्ली विधानसभा की 70 में से 67 साटों पर आम आदमी पार्टी को जिता कर जनता अपना विश्वास सौंप चुकी है, पार्टी की आंतरिक समस्याएं उभर कर सामने आ रही हैं. कुछ आशावादी मजाक मजाक में ही इसके भी टल जाने और अंत में केजरीवाल के विजयी बन कर उभरने का विश्वास जता रहे हैं.

आरआर/ओएसजे