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कौन बनेगा नया राष्ट्रपति

५ अगस्त २०१४

अफगानिस्तान में राष्ट्रपति चुनावों के नतीजे अब भी नहीं आए हैं और देश अमेरिकी सैनिकों के निकलने के साथ साथ अस्थिरता की ओर बढ़ रहा है. मतगणना को लेकर अब भी विवाद चल रहा है.

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तस्वीर: Reuters

अफगान चुनाव अधिकारी स्थानीय और विदेशी पर्यवेक्षकों और चुनाव उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों की देखरेख में वोटों की गिनती कर रहे हैं. 80 लाख वोटों को एक एक करके परखा जाता है. अगर कोई भी टीम को उस वोट से आपत्ति होती है तो उसे अलग रख दिया जाता है और बाद में उस पर बातचीत होती है. सात हफ्ते पहले हुए मतदान को लेकर विवाद अब भी नहीं थमा है. उस वक्त वोटों की गिनती के बाद अशरफ गनी को विजेता घोषित किया गया लेकिन विपक्षी नेता अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने विरोध करते हुए एक बार और वोटों की गिनती की मांग की.

काबुल के एक मतगणना कार्यालय में पक्तिका प्रांत के वोट गिने जा रहे हैं. दोनों उम्मीदवारों की टीमों का कहना है कि उनके प्रतिद्वंद्वी के वोट पर वैसे ही टिकमार्क हैं जैसे कि उनके वोट पर. संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी मतगणना पर नजर रख रहे हैं और इस तरह के झगड़ों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. अब तक इस तरह की 23,000 मतपेटियां हैं. गनी की टीम के एक प्रतिनिधि, सलीम पकतिन कहते हैं, "टिकमार्क पर बहस सबसे बड़े मुद्दों में से है. कुछ बक्सों में आईडी की संख्या से ज्यादा वोट होते हैं और कई बार वोट के पीछे स्टैंप नहीं लगा होता है. अगर दोनों पक्ष और स्वतंत्र चुनाव आयोग आईईसी के अधिकारी किसी बात पर एकमत नहीं हो पाते तो हम संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों को बुलाते हैं."

PT Präsidentschaftskandidaten für die Wahlen in Afghanistan 2014
अशरफ गानी और अब्दुल्लाह अब्दुल्लाहतस्वीर: Getty Images

वोटों की दोबारा गिनती

14 जून में मतदान के दूसरे चरण के बाद भी विजेता को लेकर विवाद बना रहा. इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने वोटों के परीक्षण की बात कही. लेकिन अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह के ताजिक मूल के समर्थकों और अशरफ गानी के पश्तून मूल के समर्थकों के बीच बहस होती रही. इस बीच संयुक्त राष्ट्र को लगने लगा कि अफगानिस्तान में नस्ली तनाव बढ़ सकता है और अमेरिका से दोबारा मतों के परीक्षण की बात कही गई.

वोटों की दोबारा गिनती के दौरान अब्दुल्लाह की टीम ने इस प्रक्रिया का भी बॉयकॉट किया और संयुक्त राष्ट्र की लंबी बातचीत के बाद ही प्रक्रिया को समर्थन देना शुरू किया. अब्दुल्लाह के प्रतिनिधि बशीर मोहेदी कहते हैं, "हम देखने आए हैं कि ऑडिट निष्पक्ष हो. हम प्रक्रिया का समर्थन करते हैं लेकिन हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई धांधली न हो."

Afghanistan Wahlkrise
तस्वीर: Wakil Kohsar/AFP/Getty Images

कुल 23,000 मतपेटियों में से केवल 2000 का निरीक्षण हुआ है और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों का कहना है कि पूरी प्रक्रिया काफी जटिल है. कुछ पर्यवेक्षकों और अधिकारियों को बदलते नियमों की खबर रहती है और वह जल्दी गिनती करते हैं लेकिन कुछ को काफी वक्त लगता है.

अमेरिका अफगान तालिबान के खिलाफ अपनी कार्रवाई धीरे धीरे खत्म कर रहा है. संघर्ष को काबू में रखने के लिए और आर्थिक स्थिरता लाने के लिए देश में शांति कायम रखना जरूरी हो गया है. नए राष्ट्रपति को इस महीने के अंत तक पद संभालना है.

एमजी/एएम(एएफपी)