1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अब भारत में नहीं बिकेंगी ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली कारें

२९ मार्च २०१७

भारत में एक अप्रैल से बीएस-3 गाड़ियां नहीं बिकेंगी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ऑटो निर्माताओं को तो झटका लगा है, क्योंकि उनके स्टॉक में लाखों ऐसी गाड़ियां हैं. लेकिन पर्यावरण के लिहाज से इसे माना जा रहा है जरूरी कदम.

https://p.dw.com/p/2aEt3
Indien Oberstes Gericht in Neu Delhi
तस्वीर: picturealliance/AP Photo/T. Topgyal

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुये एक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने ऐसे वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर रोक के आदेश दिये हैं जो नये प्रदूषण मानकों को पूरा नहीं करतीं. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स (सियाम) के मुताबिक, इस फैसले का सबसे ज्यादा असर मौजूदा स्टॉक पर पड़ेगा जिसमें अब भी तकरीबन 8.24 लाख गाड़ियां हैं.

जस्टिस एमबी लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा कि कंपनियों को मालूम था कि 1 अप्रैल 2017 से बीएस-3 गाड़ियों की ब्रिकी नहीं की जा सकेगी. इसके बाद भी कंपनियों ने स्टॉक खत्म नहीं किया. कोर्ट ने कहा कि कंपनियों के मुनाफे से ज्यादा अहम लोगों का स्वास्थ्य है और इसके लिये स्वास्थ्य को खतरे में नहीं डाला जा सकता.

हर साल लाखों नई कारों के सड़कों पर आने के कारण देश में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है और दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बन गया है. साल 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी दुनिया के सबसे प्रदूषित 1,600 शहरों की सूची में दिल्ली पहले पायदान पर था. पहले 20 शहरों में भारत के अन्य 12 शहर शामिल थे. प्रदूषण की इसी समस्या से निपटने के लिये सरकार ने पिछले साल जनवरी में घोषणा की थी कि भारत में बिकने वाले वाले सभी वाहनों को 1 अप्रैल, 2017 तक उच्च उत्सर्जन मानकों को पूरा करना होगा.

सियाम और ऑटो निर्माताओं ने कोर्ट में तर्क दिया कि उन्हें 31 मार्च तक कानूनी तौर पर निर्मित स्टॉक के निपटान के लिए उचित समय दिया जाना चाहिये. कोर्ट ने इसे खारिज करते हुये कहा कि अप्रैल तक की समय सीमा तय करने के बावजूद कार कंपनियों ने इस मसले पर सार्थक कदम उठाने की बजाए चुप बैठना पसंद किया. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों से स्टॉक में मौजूद बीएस-3 गाड़ियों की जानकारी मांगी थी. कोर्ट ने कंपनियों से दि‍संबर 2015 के बाद से हर महीने बीएस-3 गाड़ि‍यां बनाने का आंकड़ा भी मांगा था. सियाम के आंकड़ों के मुताबिक स्टॉक में तकरीबन 8.24 लाख गाड़ियां हैं. 

वहीं सरकार की अधिसूचना पर कंपनियों ने कई सवाल उठाये हैं. नये वाहनों को लेकर सरकार ने जनवरी 2014 में अधिसूचना जारी की थी जिसके तहत कंपनियों को बीएस-4 लागू करने के आदेश दिये गये थे और नया नियम 1 अप्रैल 2017 से लागू करने की बात कही गई थी. देश में अब भी बीएस-3 वाहन सबसे अधिक है.

भारत दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा ऑटोबाजार है और बाजार का तर्क है कि वह अप्रैल 2020 तक सीधे बीएस-6 नियमों पर स्विच कर लेगा.

एए/आरपी (रॉयटर्स)