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अब भी मैं ही बॉस हूं: सुरेश कलमाड़ी

२४ अगस्त २०१०

सरकार ने कॉमनवेल्थ खेलों की आयोजन समिति के मुखिया सुरेश कलमाड़ी के अधिकारों को भले ही समेट दिया हो, लेकिन वह अब भी खुद को ही बॉस मानते हैं. वह कहते हैं कि भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद वह इस्तीफा नहीं देंगे.

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नहीं दूंगा इस्तीफातस्वीर: UNI

कलमाड़ी का कहना है कि कॉमनवेल्थ खेलों को सफलतापूर्वक कराना एक चुनौती है जिसे उन्होंने स्वीकार किया है और इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं उठता क्योंकि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है. कलमाड़ी इन बातों को भी सही नहीं मानते हैं कि भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद उनके पर कतर दिए गए हैं.

जब उनसे साफ तौर पर पूछा गया कि क्या वह अब भी कॉमनवेल्थ खेलों के बॉस हैं, तो कलमाड़ी ने कहा, "हां, आयोजन समिति मेरी जिम्मेदारी है और मैं इसे बराबर निभा रहा हूं." सरकार ने नौकरशाहों की एक उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी बनाई है जो खेलों से जुड़े हर पहलू पर नजर रखेगी. एक इंटरव्यू के दौरान कलमाड़ी ने कहा, "मंत्रियों का समूह भी है. कैबिनेट सचिव के नेतृत्व में सचिवों की एक कमेटी भी बनाई गई है. प्रधानमंत्री ने एक बैठक बुलाकर इन सभी कमेटियों से कहा कि खेलों के लिए सक्रिय समर्थन दें. मुझे सरकार की तरफ से और ज्यादा मदद मिल रही है और मैं आयोजन समिति का अध्यक्ष हूं. कॉमनवेल्थ खेल संघ के मुखिया माइक फेनेल भी आए और उन्होंने अच्छी रिपोर्ट दी है. सारे हालात को देखते हुए मैं इसका स्वागत करता हूं."

तीन से 14 अक्टूबर तक दिल्ली में होने वाले कॉमनवेल्थ खेल लचर तैयारियों के लिए पहले से ही सवालों के घेरे में हैं. हाल के दिनों में उन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं. लेकिन कलमाड़ी का कहना है कि स्थिति नियंत्रण है और उनकी टीम शानदार और पारदर्शी खेल कराने में सक्षम है. वह कहते हैं, "मुझे नहीं पता कि ये सब मुहिम क्यों शुरू हुई. 15 दिन पहले तक सब कुछ सही चल रहा था. सारे देश कह रहे थे कि शानदार खेल होंगे. खेलों के बाद मैं हर तरह की जांच के लिए तैयार हूं."

जब कलमाड़ी से पूछा गया कि क्या भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उनके जेहन में इस्तीफे की बात आती है, तो उन्होंने कहा, "नहीं, यह एक चुनौती है जिसमें मैंने स्वीकार किया है. जब हमें कॉमनवेल्थ खेल कराने की इजाजत तो मिली तो मैने कॉमनवेल्थ खेल संघ से वादा किया था कि शानदार खेल आयोजित कराएंगे. इसीलिए ऐसी किसी बात का सवाल ही नहीं उठता है." कलमाड़ी कहते हैं कि भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद टीम की मनोबल बनाए रखना बेहद मुश्किल रहा.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल

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