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आतंकवाद

अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का असर नहीं

११ जुलाई २०१७

कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी हमले में 7 यात्रियों की मौत के बाद दुनियाभर में इस हमले की निंदा की जा रही है. हालांकि यात्रा पर इस हमले का कोई असर नहीं पड़ा है.

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Indien Pilger in Kaschmir, Anschlag in Amarnath
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/D. Yasin

कश्मीर में जगह जगह पर ट्रैवल ऑपरेटर्स इस हमले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं जम्मू कश्मीर में सुरक्षा और बढ़ा दी गयी है. हमले में मारे गए लोगों के शव गुजरात और महाराष्ट्र पहुंचाये गये हैं. इस बीच कड़ी सुरक्षा के बीच 3 हजार अमरनाथ यात्रियों का अगला जत्था बेस कैंप से बालटाल के लिए रवाना हो चुका है.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने मृतकों के परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. जम्मू कश्मीर सरकार ने तीन लाख रुपये का इनाम बस ड्राइवर को भी देने का एलान किया है. इस हमले में आतंकी यात्रियों से भरी बस पर तीन दिशाओं से गोलियां चला रहे थे लेकिन बस ड्राइवर सलीम लगातार बस चलाई और कहीं भी बस नहीं रोकी. हमले के प्रत्यक्षदर्शियों का कहा है कि अगर बस लगातार नहीं चलती तो कई और लोगों की जान जा सकती थी. 

जम्मू-कश्मीर सरकार ने मृतकों के परिजनों को 6-6 लाख रुपये, जबकि घायलों को 2-2 लाख रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि का ऐलान किया है. गुजरात सरकार ने पीड़ितों के लिए हेल्पलाइन नंबर 079-23251908 और 1070 जारी किया है.

हमले के बाद भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत ने श्रीनगर में अधिकारियों के साथ एक बैठक की. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा बढ़ाए जाने का आदेश दिया. उन्होंने इस हमले की निंदा करने के लिए एक साथ आए जम्मू कश्मीर के नेताओं के रुख को सराहा और उसे "कश्मीरियत" कहा है. राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस तीर्थयात्रियों पर हमले से कश्मीर का सिर शर्म से झुक गया है. तमाम राजनीतिक दलों के साथ ही कश्मीरी अलगाववादी नेताओं ने भी इसकी निंदा की है. इस बीच कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर सुरक्षा में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है. अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और श्रीलंका सभी देशों ने अमरनाथ यात्रा पर आतंकवादी हमले की निंदा की.

लश्कर एक तैयबा पर आरोप

पुलिस सुपरिटेंडेंट अल्ताफ खान ने इस हमले के पीछे पाकिस्तानी चरमपंथी गुट लश्कर ए तैयबा का हाथ बताया है. हालांकि लश्कर ने इससे इनकार किया है. उनका कहना है कि भारत सरकार कश्मीरी लोगों की आजादी की लड़ाई को बदनाम कर रही है.

सुरक्षा में हुई चूक?

हालांकि जिस बस पर हमला हुआ वह उन वाहनों के काफिले का हिस्सा नहीं था जो पर्याप्त सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा पर है. हमला यात्रा से वापस लौटते वक्त श्रीनगर से जम्मू के जाने के दौरान अनंतनाग जिले में रात आठ बजकर बीस मिनट पर हुआ.

पुलिस ने बताया कि बस चालक ने यात्रा के लिए तय नियमों का उल्लंघन किया है. नियमों के अनुसार शाम सात बजे के बाद हाईवे से सुरक्षा हटा ली जाती है इसलिए उस पर यात्रा के लिए किसी वाहन को जाने की इजाजत नहीं होती है.