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अवसर के रूप में आए हैं शरणार्थी: मैर्केल

३१ दिसम्बर २०१५

जर्मनी के सामने साल 2016 में सबसे बड़ी चुनौती बीते साल पहुंचे शरणार्थियों से निबटने में देश की 'एकता' को बनाए रखने की है. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने नए साल के संदेश में लोगों से भरोसे और एकजुटता की अपील की है.

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तस्वीर: Reuters/H. Hanschke

चांसलर मैर्केल ने देश के लोगों से "ठंडे और घृणा से भरे हृदय वालों का अनुसरण ना करने" का संदेश दिया. उन्होंने इस बात को महत्वपूर्ण बताया कि कोई भी "लंबे समय से यहां रहने वालों और नए नागरिकों के आधार पर विभाजित ना हो." मैर्केल ने कहा कि लाखों शरणार्थियों के आने से जर्मन समाज और अर्थव्यवस्था को फायदा ही होगा. उन्होंने "हम ऐसा कर सकते हैं" का नारा दोहराया.

जर्मनी के लिए साल 2015 ऐतिहासिक शरणार्थी संकट का साल रहा. सीरिया, इराक, अफगानिस्तान, सर्बिया और कोसोवो जैसे देशों से लगातार आप्रवासियों का आना जारी रहा. कई शरणार्थी ठिकानों और हॉस्टलों पर हमले भी हुए. 2015 में जर्मनी में करीब 11 लाख शरणार्थियों को पंजीकृत किए जाने का अनुमान है, जो कि पिछले साल के मुकाबले पांच गुना ज्यादा है.

शरणार्थी संकट के मद्देनजर 2015 में पेगीडा जैसे दक्षिणपंथी समूहों ने देश में इस्लामविरोधी राजनीतिक अभियान चलाए और हजारों लोगों के साथ साल भर जर्मन शहरों में सड़कों पर रैलियां निकालीं. अंगेला मैर्केल ने इसे "विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण समय" बताया. साथ ही शरणार्थी संकट से निबटने का विश्वास जताते हुए कहा, "हम ऐसा कर पाएंगे क्योंकि जर्मनी एक मजबूत देश है."

देश की पिछली सफलताओं खासकर 25 साल पहले हुए जर्मन एकीकरण की मुश्किलों का जिक्र करते हुए उन्होंने जर्मनी में नवआगंतुकों को समाज में घुलाने मिलाने की जर्मन समाज की क्षमता पर पूरा भरोसा जताया. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि मुख्यतः मुस्लिम समुदाय के शरणार्थियों के समेकन में जर्मनी को काफी "समय, श्रम और धन" लगाना होगा.

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शरणार्थियों के पंजीकरण की प्रक्रियातस्वीर: Getty Images/S.Gallup

जर्मन सरकार द्वारा जारी मैर्केल के भाषण की अग्रिम प्रतिलिपि के अनुसार मैर्केल ने कहा है, "अगर आज हम सही तरीके से इन सभी लोगों समाज में घुला मिला पाते हैं तो यह कल हमारे लिए एक अवसर लेकर आएगा." अंतरराष्ट्रीय पत्रिका टाइम ने मैर्केल को "पर्सन ऑफ दि इयर" चुना है जबकि घरेलू मौर्चे पर उनकी पार्टी और व्यक्तिगत लोकप्रियता में थोड़ी कमी दर्ज हुई है.

आरआर/एमजे (एएफपी,डीपीए,रॉयटर्स)