1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

डॉक्टर ने ली अश्लील तस्वीरें

२२ जुलाई २०१४

जिंदगी बचाने वाले डॉक्टर के पेशे को भगवान से जोड़ कर देखा जाता है. लेकिन कुछ लोग इसे शर्मसार कर रहे हैं. अमेरिका में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ने हजारों महिलाओं की अश्लील तस्वीरें लीं.

https://p.dw.com/p/1CgWz
तस्वीर: Fotolia/Yuri Arcurs

इस क्लीनिक पर 19 करोड़ डॉलर (लगभग 11 अरब रुपये) का जुर्माना लगा है. यह अमेरिका में किसी भी क्लीनिक पर लगा अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है. अदालत ने कहा कि जॉन्स हॉपकिंस क्लीनिक के एक डॉक्टर ने 8,500 महिलाओं की तस्वीरें लीं. कई सालों तक वह ऐसा करता रहा और किसी मरीज को इसकी भनक तक नहीं लगी. तस्वीरें लेने के लिए 54 साल का यह डॉक्टर एक कलम का इस्तेमाल करता था जिसमें एक छोटा सा कैमरा लगा था.

कुछ समय पहले इसी तरह का मामला जर्मनी में भी आया था. अमेरिकी डॉक्टर की ही तरह जर्मन डॉक्टर ने भी सैकड़ों महिलाओं की अश्लील तस्वीरें लीं. उस डॉक्टर ने अपनी कुर्सी के नीचे एक कैमरा लगा कर रखा था. मामला तब सामने आया, जब क्लीनिक में काम करने वाली एक नर्स ने कैमरा देखा और फौरन पुलिस में जा कर इसकी शिकायत की.

अमेरिका के डॉक्टर की हरकत भी कुछ इसी तरह सामने आई. यह मामला फरवरी 2013 में सामने आया. स्थानीय अखबारों में इसे खूब उछाला गया और डॉक्टर को नौकरी से निकाल दिया गया. इसके दो हफ्ते बाद ही डॉक्टर ने अपनी जान ले ली.

अखबार 'द गार्डियन' के अनुसार जांचकर्ताओं को डॉक्टर के कैमरे से 1200 वीडियो और 400 तस्वीरें बरामद हुई है. अखबार ने लिखा है कि पुलिस को इस बात के कोई सबूत नहीं मिले कि डॉक्टर ने तस्वीरें और वीडियो किसी और को भी दिए या इंटरनेट पर डाले.

वकीलों का कहना है कि भले ही वीडियो में महिलाओं के चेहरे नहीं देखे जा सकते हैं, लेकिन इस घटना ने उन्हें सकते में डाल दिया है. वे डॉक्टरों के पास जाने से डरने लगी हैं और कई महिलाएं इतने सदमे में हैं कि उन्हें काउंसलिंग की जरूरत पड़ रही है. कुछ महिलाओं ने बताया कि कई बार उन्हें डॉक्टर का बर्ताव अजीब लगा लेकिन उन्होंने शिकायत नहीं की.

'द गार्डियन' के अनुसार यह डॉक्टर 1988 से इस क्लीनिक में काम कर रहा था और अपने 25 साल के पेशे में 12,000 से ज्यादा महिलाओं की जांच कर चुका था. मरने से पहले उसने सभी मरीजों को एक माफीनामा भेजा.

रिपोर्ट: ईशा भाटिया (एएफपी)

संपादन: अनवर जे अशरफ