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आंगन में दीवार के टुकड़े

ग्रेटा हामन/आईबी९ नवम्बर २०१४

ठीक 25 साल पहले 9 नवंबर को बर्लिन की दीवार गिरी. एकीकरण के वक्त पैदा हुए लोग नहीं जानते कि विभाजित जर्मनी में जीना कैसा था. डॉयचे वेले की ग्रेटा हामन भी उन्हीं में से एक है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

इतिहास से जुड़े साल मुझे याद नहीं रहते, सिवाए एक के, 1989. वह साल जब पूर्व और पश्चिम जर्मनी के बीच दीवार गिरी. वह साल जब मैं इस दुनिया में आई. जीडीआर के रहने वालों के लिए जब पहली बार सीमा खोली गयी, मैं छह महीने की थी. उस वक्त मेरी मां टीवी पर यह खबर देख रही थी और मैं चुप चाप उसकी बाहों में सो रही थी.

दीवार से पहली बार मेरा सामना रुअर इलाके में एक घर के आंगन में हुआ, वहां जहां मैं बड़ी हुई. दीवार का एक टुकड़ा आंगन में रखा था और वह मेरे अंदर किसी भी तरह का एहसास नहीं जगा रहा था, सिवाए इस कौतूहल के कि कुछ लोग अपने बगीचे में फूल लगाने की जगह सीमेंट के पुराने टुकड़े को रखना पसंद करते हैं.

Greta Hamann
ग्रेटा हामनतस्वीर: DW/Greta Hamann

"क्या अब भी वहां दीवार है?"

मैं 16 साल की थी जब एक एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत मैं ब्राजील गयी. नए स्कूल में मेरा पहला दिन था और सवाल कुछ ऐसे थे, "क्या अब भी वहां दीवार है? ओरिएंटल अलमान्या (ईस्ट जर्मनी) में जिंदगी कैसी है? मुझे पुर्तगाली भाषा नहीं आती. मैं हैरान सी वहां खड़ी रही और सोचने लगी कि जर्मनी का ओरिएंट से क्या लेना देना है और ये लोग किस दीवार की बात कर रहे हैं? कुछ देर बाद मुझे समझ आया कि ये लोग जीडीआर की बात कर रहे हैं. मैंने उन्हें बताया कि दीवार तो गिर चुकी है. इससे ज्यादा मैं कुछ भी नहीं कह सकी, इसलिए क्योंकि ना तो मुझे इससे ज्यादा पुर्तगाली आती थी और ना ही मुझे अपने ही देश के इतिहास के बारे में जानकारी थी.

कुछ सालों बाद यूनिवर्सिटी में मेरी दोस्ती मैक्लेनबर्ग वेस्ट पोमेरेनिया की एक लड़की से हुई. मैंने उसे कहा, "अरे वाह, तुम तो बिलकुल तट पर रहती हो", तो उसने जवाब दिया, "हां, मैं ईस्ट की जो हूं." मैं अचंभे में पड़ गयी. बात तो ठीक है, लेकिन मैंने इस बारे में कभी सोचा ही नहीं था. मेरे लिए पूर्व और पश्चिम कभी अलग अलग थे ही नहीं. जर्मनी मेरे लिए हमेशा एक देश रहा है. जब मैं पूर्वी जर्मनी के किसी व्यक्ति से मिलती हूं, तो वह मेरे लिए वैसा ही होता है जैसे बवेरिया या फिर लोवर सेक्सनी के किसी व्यक्ति से मिलना. हर क्षेत्र में कुछ कुछ चीजें अलग होती हैं, हमारी बोली अलग है, हमने अपने बचपन में और स्कूलों में अलग अलग अनुभव किए हैं. इस सब के बाद हम खुद को पूर्व और पश्चिम में भी विभाजित कर लेते हैं.

Deutschland Geschichte Kapitel 4 1979 – 1989 Die Mauer fällt Grenzöffnung
दीवार पर खुसियां मनाते लोगतस्वीर: picture-alliance/ dpa/dpaweb

सफल रहा एकीकरण

एक दिन मैं कोलोन के रेलवे स्टेशन पर दुकानों में घूम रही थी. एक दुकान में 'नियॉन' रखी थी, जर्मनी में युवाओं की सबसे लोकप्रिय मैगजीन. चमकदार कवरपेज पर लिखा था, "78 फीसदी जर्मन युवा प्यार में विश्वास रखते हैं. हर दूसरा युवा सामाजिक न्याय को राजनीति की सबसे बड़ी जिम्मेदारी मानता है. हर पांचवीं लड़की अपनी बाजू वैक्स करती है, यह हैं हम." मैगजीन ने 18 से 35 साल की उम्र के एक हजार लोगों से अलग अलग विषयों पर सवाल किए थे.

जर्मन एकीकरण पर भी. 14 फीसदी को लगता है कि पूर्व और पश्चिम जर्मनी में बहुत ज्यादा फर्क है. 2005 में इससे दोगुना से भी ज्यादा लोग ऐसा सोचते थे. अगला सवाल: "जर्मनी के पुनरएकीकरण के बारे में आप क्या सोचते हैं?" 47 प्रतिशत का कहना है कि यह कदम सफल रहा. छह साल पहले केवल चौदह प्रतिशत का ही यह मानना था. और आज की तारीख में बहुत कम ही लोग ऐसे हैं जिन्हें लगता है कि एकीकरण पूरी तरह से नाकामयाब रहा. ऐसा सोचने वाले सिर्फ चार फीसदी ही हैं.

यह पढ़ कर मेरी चिंता कुछ कम हुई, आखिर सब कुछ इतना भी बुरा नहीं है. इस सर्वेक्षण से एक बात तो साफ पता चली कि हम आगे बढ़ रहे हैं. और कम ही लोग इस बात से इंकार करेंगे कि जर्मनी एक ही इकाई है. हमें अब बस कुछ और साल इंतजार करने की जरूरत है, एक दूसरे को बेहतर समझने के लिए, पूर्व और पश्चिम के बीच विषमताओं को दूर करने के लिए, फिर वक्त आएगा जब हम खुद को बेहतर समझने वाले पश्चिमी लोगों को इतिहास की किताबों दफ्न कर चुके होंगे, शांतिपूर्ण क्रांति की तस्वीरों के साथ. तब हम दीवार गिरने पर खुशी का एहसास करेंगे और अजीब पूर्वाग्रहों को याद कर हंसा करेंगे.