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आईएमएफ ने की पाकिस्तान की तारीफ

२६ अक्टूबर २०१६

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टीना लागार्द ने पाकिस्तान की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बेहतर हो रही है और आगे भी ऐसे ही कदम उठाने की जरूरत है.

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Pakistanische Münzen Rupie in Karachi
तस्वीर: Imago

आईएमएफ ने कहा है कि पाकिस्तान ने तीन साल के एक आर्थिक सुधार कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, जिसके तहत उसे 6.7 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज दिया गया था. पिछले महीने पाकिस्तान को इस पैकेज की 10.2 करोड़ डॉलर की आखिरी किस्त दी गई. लागार्द ने हाल में इस्लामाबाद का दौरा किया और नवाज शरीफ सरकार की तारीफ की. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों के अवसर बढ़ाने और लोगों का जीवन स्तर बेहतर बनाने के लिए लगातार कदम उठाने होंगे.

उन्होंने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तारीफ करते हुए कहा कि 2013 में सत्ता संभालने के बाद देश को कई तरह की चुनौतियों से निकालने की दिशा में अहम प्रगति हासिल की है. उन्होंने आर्थिक स्थिरता के लिए नवाज शरीफ के प्रयासों को भी सराहा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब आर्थिक संकट से निकल चुका है.

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि लागार्द ने अपने पाकिस्तान दौरे में ये भी कहा कि पाकिस्तान में महंगाई की दर कम हुई और आर्थिक वृद्धि दर में इजाफा हुआ है. लागार्द ने प्रशासनिक क्षेत्र में सुधारों और देश की कर नीति की भी तारीफ की.

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पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डॉन में प्रकाशित अपने लेख में लगार्द ने लिखा, "आईएमएफ के तीन साल के आर्थिक सुधार कार्यक्रम से पाकिस्तान में बहुत सी कामयाबियां हासिल की गई हैं. अब पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था स्थिर है और कोशिश की जा रही है कि भविष्य निजी क्षेत्र की मदद से और प्रगति की जा सके."

लागार्द ने कहा कि पाकिस्तान में सरकारी कर्ज को कम करना होगा जो अभी जीडीपी का 65 प्रतिशत है. इसके लिए निर्यात को बढ़ाने और टैक्स कलेक्शन का दायरा व्यापक करने पर जोर देना होगा.

आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि पाकिस्तान में जून 2017 में खत्म हो रहे वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर पांच प्रतिशत रह सकती है. पिछले नौ साल में ये सबसे ज्यादा आर्थिक वृद्धि होगी. हालांकि अर्थशास्त्रियों का कहना है कि 19 करोड़ की आबादी वाले पाकिस्तान में युवा लोगों की संख्या को देखते हुए कम से कम छह प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि जरूरी है.

एके/वीके (एपी, रॉयटर्स)

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