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आईएस के खतरे पर नाटो का चिंतन

५ सितम्बर २०१४

नाटो गठबंधन के प्रतिनिधि इस्लामिक स्टेट के कारण इराक में पैदा होने वाले खतरे का आकलन कर रहे हैं. यूक्रेन और नाटो के साथ रूस की तनातनी भी इस शिखर वार्ता का एक अहम मुद्दा है.

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Nato Wales 2014
तस्वीर: Reuters/L. Downing

नाटो के महासचिव आंदर्स फो रासमुसेन ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय समुदाय आईएस को आगे बढ़ने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है." वेल्स के लक्जरी न्यूपोर्ट के गोल्फ रिसॉर्ट में नाटो की दो दिवसीय बैठक हो रही है. ताजा घटना में आईएस का झंडे जलाने के आरोप में इस कट्टरपंथी गुट ने इराक में करीब 50 लोगों का अपहरण कर लिया है.

जून से अभी तक इस्लामिक स्टेट ने उत्तरी इराक के काफी हिस्से अपने कब्जे में कर लिए हैं. सीरिया में वह पहले से ही पैर जमा कर बैठा है. रासमुसेन ने विश्वास जताया कि जरूरत पड़ने पर गठबंधन के सदस्य देश इराक को मदद करने पर "गंभीर" रूप से विचार करेंगे. उन्होंने कहा, "2011 तक इराक में हमारा प्रशिक्षण अभियान था. अगर इराकी सरकार इस तरह के प्रशिक्षण को आगे भी जारी रखने का अनुरोध करती है तो मेरे ख्याल से नाटो गठबंधन इसे गंभीरता से लेगा." थोड़े दिन पहले तक नाटो जैसे सैन्य गठबंधन की जरूरत इस समय में है भी या नहीं, इस पर चर्चा हो रही थी. अब इराक, सीरिया के हालात और रूस यूक्रेन के संकट ने नाटो गठबंधन को एक तरह से केंद्र में ला दिया है.

नाटो की बैठक में पहले दिन यूक्रेन संकट और अफगानिस्तान से सेना की वापसी पर भी बातचीत हुई.

सीरिया और इराक से देश लौटने वाले विदेशी लड़ाके यूरोप, अमेरिका और पूरी दुनिया के लिए एक खतरे के तौर पर देखे जा रहे हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने संकेत दिया कि ब्रिटेन आईएस लड़ाकों पर हवाई हमले में अमेरिका के साथ जुड़ सकता है.

वहीं फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद ने राजनीतिक, मानवीय और जरूरत पड़ने पर सैन्य प्रतिक्रिया की पैरवी की है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि सैन्य प्रतिक्रिया अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक होनी चाहिए. अमेरिका के साथ फ्रांस भी कुर्द लड़ाकों को आईएस से लड़ने के लिए हथियार दे रहा है. जबकि कई अन्य यूरोपीय देशों ने असैनिक मदद की है. जर्मनी ने पिछले ही सप्ताह शनिवार को घोषणा की कि वह नौ करोड़ बीस लाख डॉलर के हथियार इराक में कुर्द लड़ाकों को देगा.

उधर यूक्रेन और रूस के बीच तनाव बना हुआ है. मिंस्क में जहां अलगाववादियों और यूक्रेन के बीच बातचीत होनी है वहीं नाटो वार्ता में यूक्रेन के राष्ट्रपति पोरोशेंको ने अपना मत पेश किया. दक्षिणपूर्वी यूक्रेन के मारियोपोल में लोग चिंताग्रस्त हैं कि रूसी सेना न जाने कब आ जाए. एक ओर संघर्ष विराम के लिए नाटो यूक्रेन तो दूसरी ओर अलगाववादियों के साथ यूक्रेन के आज प्रतिनिधि बात करने वाले हैं. लेकिन जमीन पर शांति का कहीं नामोनिशान नहीं है. संघर्ष के पहले लड़ाई और तेज हुई है.

मारियोपोल में कई चिंतित निवासियों ने मार्च किया और अपील की कि डोनबास के आतंकियों को रोकें. ये उपमा इस इलाके में उन लोगों को दी जाती है जो पूर्वी यूक्रेन को रूस का हिस्सा बनाने की इच्छा रखते हैं.

अब रूस ने यूक्रेन से आने वाली मिठाइयों पर रोक लगा दी है. यूरोप में यूक्रेन की चॉकलेट्स और मीठी गोलियां बहुत पसंद की जाती हैं. पोरोशेंको खुद चॉकलेट किंग कहलाते हैं. उनकी कंपनी रोशेन पर रूस पिछले ही साल रोक लगा चुका है. यूरोप से जाने वाले फलों, सब्जियों और कई तरह के डेयरी उत्पादों पर भी प्रतिबंध जारी है.

एएम/ओएसजे (डीपीए, एएफपी)