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आईएस ने जॉर्डन के पायलट को बंदी बनाया

२५ दिसम्बर २०१४

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने आईएस के हाथों जॉर्डन के पायलट को बंदी बनाए जाने की निंदा की है. इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने पायलट को उस समय कब्जे में ले लिया जब उसका जहाज उत्तरी सीरिया के करीब गिर गया.

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तस्वीर: picture-alliance/DoD

इस्लामी कट्टरपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट ने घटना के बाद बंदी बनाए गए पायलट की कुछ तस्वीरें जारी की हैं. इस 26 वर्षीय पायलट का नाम लेफ्टिनेंट माज अल कसासबेह बताया जा रहा है. मानवाधिकार मामलों पर निगरानी रखने वाले सीरियाई संगठन और खुद आईएस लड़ाकों का कहना है कि विमान मिसाइल से गिराया गया. अमेरिका ने इसका खंडन किया है.

अमेरिका की केंद्रीय कमान सेंटकॉम ने एक बयान में कहा, "सबूत साफ तौर पर बताते हैं कि आईएस ने विमान को नहीं गिराया है जैसा कि आतंकी दल ने दावा किया है." सेंटकॉम ने स्वीकार किया कि एफ-16 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है और पायलट को आईएस के कट्टरपंथियों ने बंधक बना लिया है. अधिकारियों का कहना है कि विमान तकनीकी कारणों से गिरा हो सकता है.

जॉर्डन उन देशों में से एक है जो सीरिया और इराक में आईएस के खिलाफ हवाई हमलों में अमेरिका का साथ दे रहे हैं. सीरिया में इस सितंबर शुरू हुए हवाई हमलों में यह पहली बार है जब कोई लड़ाकू विमान गायब हुआ है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने आईएस लड़ाकों से पायलट को छोड़ने की मांग की और कहा, "बंदी बनाए गए पायलट के साथ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों के तहत बर्ताव होना चाहिए"

jordanischer Pilot festgenommen
लेफ्टिनेंट माज अल कसासबेह इस विमान को उड़ा रहे थे.तस्वीर: picture-alliance/dpa

सीरिया में रक्का के आसपास आईएस के खिलाफ नियमित रूप से हवाई हमले हो रहे हैं जिसे आईएस खिलाफत के एलान के बाद से अपने मुख्यालय के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है. सीरिया और इराक के बड़े हिस्सों पर कब्जा कर जून में आईएस ने इन इलाकों में खिलाफत का एलान किया था और अपने नेता अबु बकर अल बगदादी को मुसलमानों का खलीफा घोषित किया था.

आईएस के लड़ाकों ने अपने नियंत्रण वाले इलाकों में बर्बर अत्याचार किए हैं. इनमें बंधक बनाए गए सैनिकों का नरसंहार, पश्चिमी बंधकों का सार्वजनिक रूप से सर कलम करना और लड़कियों की खरीद फरोख्त और बलात्कार शामिल है.

जॉर्डन की स्थानीय मीडिया ने बंदी बनाए गए पायलट के पिता के हवाले से लिखा है कि उनके परिवार को वायु सेना ने अपहरण के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया है कि सेना उनके बेटे की जिंदगी बचाने की कोशिश कर रही है और किंग अब्दुल्लाह की घटनाक्रम पर नजर है. उन्होंने जिहादियों से रहम की भीख मांगी और कहा कि वे उनके बेटे को छोड़ दें. उन्होंने बताया कि उनका बेटा 6 सालों से वायु सेना की सेवा कर रहा था.

एसएफ/एमजे (एएफपी, डीपीए)