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आउग्सबुर्ग में बम के साये में क्रिसमस

२६ दिसम्बर २०१६

सोचिए त्योहार हो और आपको घर खाली करना पड़े? जर्मन शहर आउग्सबुर्ग में यही हुआ. द्वितीय विश्व युद्ध का एक बम मिलने के कारण लोगों को क्रिसमस का त्योहार रिश्तेदारों के यहां मनाना पड़ा.

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Deutschland Entschärfung Fliegerbombe
तस्वीर: picture alliance/dpa/T. Hase

अधिकारियों ने क्रिसमस वाले दिन शहर को खाली करा लिया. करीब 54 हजार लोग बम को निष्क्रिय किए जाने से पहले अपना घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां चले गए. जिनके पास कोई विकल्प नहीं था, उनके लिए शहर प्रशासन ने रहने का इंतजाम किया. विस्फोटक विशेषज्ञों ने रविवार को द्वितीय विश्व युद्ध में गिराये गए बम को निष्क्रिय करने में चार घंटे का समय लिया. निर्माण मजदूरों को खुदाई के दौरान अंग्रेजों द्वारा गिराया गया 2 टन का बम मिला था.

शहर को खाली कराने में पुलिस, फायर ब्रिगेड, नगर प्रशासन के कर्मचारियों और वॉलन्टियर्स ने मदद दी. बहुत से लोगों ने तो चेतावनी के तुरंत बाद अपने घर खाली कर दिए थे, लेकिन बीमार और अपाहिज लोगों को हटाने में समय लगा. सड़कों पर करीब 900 पुलिस अधिकारी गश्त लगाते रहे. शहर खाली कराये जाने के बाद बवेरिया के विस्फोटक दस्ते ने बम को निष्क्रिय करने का काम शुरू किया. कार पार्क बनाए जाने की जगह से डेढ़ किलोमीटर के इलाके में बम को निष्क्रिय करने के लिए एक प्राइवेट कंपनी के सिर्फ दो कर्मचारियों को रहने की इजाजत थी.

एक अधिकारी ने सोशल मीडिया में लिखा, "शहर का माहौल भुतहा है. सड़क पर कोई इंसान नहीं, खिड़कियों में कोई चेहरा नहीं." यह बम द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद आउग्सबुर्ग में पाया गया सबसे बड़ा बम है. बवेरिया के इस शहर पर मित्र देशों की सेनाओं ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भारी बमबारी की थी. यहां मेसरश्मिट कंपनी का विमान कारखाना था और नाजी सेना का महत्वपूर्ण शस्त्रागार भी. घटनास्थल को बालू के थैलों से घेर दिया गया था ताकि दुर्घटनावश बम का धमाका होने से ज्यादा नुकसान न हो.

एमजे/वीके (डीपीए, एएफपी)