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आउटसोर्सिंग के विरोध में फिर बोले बराक ओबामा

११ सितम्बर २०१०

आउटसोर्सिंग के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपना रुख कड़ा करते हुए दोहराया कि टैक्स में लाभ सिर्फ उन्हीं कंपनियों को दिया जाएगा जो अमेरिका में नौकरियां सृजित करती हों. भारतीय आईटी कंपनियों को हो सकता है नुकसान.

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कॉल सेंटर का कारोबारतस्वीर: AP

एक हफ्ते में यह दूसरी बार है जब ओबामा आउटसोर्सिंग पर बोले हैं. वॉशिंगटन में बराक ओबामा ने कहा, "हम टैक्स में रियायत सिर्फ उन कंपनियों को देने में विश्वास रखते हैं जो अमेरिका में लोगों को नौकरियां दे रही हों. इसके लिए हम शुरुआत कर रहे हैं." ओबामा के मुताबिक वे सभी कंपनियां जो अमेरिका में नौकरियां पैदा कर रही हैं उन्हें टैक्स में फायदा मिलेगा. ओबामा ने कहा कि अमेरिका में अर्थव्यवस्था एक बार फिर खड़ी हो रही है लेकिन यह भी स्वीकार किया उसकी रफ्तार बेहद धीमी है.

ओबामा लोगों को भरोसा दिला रहे हैं कि उनकी कोशिश है कि आर्थिक प्रगति के जरिए देश को सही दिशा में ले जाया जाए. ओबामा ने साफ शब्दों में कहा है कि आर्थिक मंदी के दौर में 80 लाख लोगों की नौकरियां गईं और अमेरिका को एशियाई देशों से टक्कर लेनी है. ओबामा के मुताबिक उनके राष्ट्रपति बनने से पहले ही 40 लाख नौकरियां जा चुकी थीं और मंदी के दौर में फिर यह आंकड़ा बढ़कर 80 लाख हो गया.

नवंबर में होने वाले मध्यावधि चुनावों से पहले आउटसोर्सिंग का मुद्दा उछल रहा है और माना जा रहा है कि चुनावों में यह बेहद अहम मुद्दों में से एक हो सकता है. कुछ ही दिन पहले अमेरिका के ओहायो राज्य में सरकारी क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी की नौकरियां आउटसोर्स करने पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया गया है. यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि नवंबर में अमेरिकी कांग्रेस के साथ साथ ओहायो के गवर्नर का चुनाव भी होना है.

भारतीय आईटी कंपनियों ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है और इसे भेदभावपूर्ण बताया है. भारत से अमेरिका को निर्यात का करीब 60 फीसदी हिस्सा भारत के आईटी सेक्टर से मिलता है और अगर ओहायो के बाद कुछ अन्य राज्य भी ऐसा भी फैसला लेते हैं तो भारतीय आईटी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इससे पहले अमेरिका सीमा सुरक्षा विधेयक के लिए धन का इंतजाम करने के इरादे से एच-1 बी वीजा और एल-1 वीजा फीस बढ़ाने का निर्णय ले चुका है.

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा नवंबर में भारत आ रहे हैं और भारत उस दौरान अपनी चिंताओं से उन्हें अवगत कराना चाहता है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: वी कुमार

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