1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

आतंकवाद के खिलाफ भारत अफगान वक्तव्य

२६ अगस्त २०१०

भारत और अफगानिस्तान ने कहा है कि आतंकवाद क्षेत्र में स्थिरता और शांति के लिए मुख्य खतरा है. विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत के बाद कहा गया है कि हमले की योजना बनाने वाले आतंकवादियों के लिए पनाह खत्म करना पड़ेगा.

https://p.dw.com/p/OweI
अफगानिस्तान के साथ स्ट्रैटेजिक साझेदारीतस्वीर: AP

भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के साथ अफगान विदेश मंत्री जलमई रसूल की बातचीत में पाकिस्तान की जमीन से पैदा होने वाला आतंकवाद एक प्रमुख मुद्दा था, दोनों देशों को जिसका सामना करना पड़ रहा है. दोनों पक्षों ने इस शिकस्त देने के लिए अपनी तैयारी पर ज़ोर दिया है.

बातचीत के बाद जारी किए गए वक्तव्य में कहा गया है कि कृष्णा और रसूल ने इस पर जोर दिया कि अफगानिस्तान और क्षेत्र के दूसरे देशों को निशाना बनाने वाले आतंकवादी व चरमपंथी गिरोहों के लिए पनाह खत्म करने की गारंटी देना बेहद जरूरी है. संयुक्त वक्तव्य में इस सिलसिले में खुले तौर पर पाकिस्तान का ज़िक्र नहीं किया गया है.

बातचीत के दौरान दोनों मंत्रियों का कहना था कि वे अफगानिस्तान को मध्य व दक्षिण एशिया को जोड़ने वाली एक कड़ी के रूप में देखना चाहते हैं, जो व्यापार, ट्रांजिट और लोगों के बीच संपर्क को आसान बनाएं.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सरकारें अपनी जनता व पूरे क्षेत्र के हिते में बहुपक्षीय व दीर्घकालीन स्ट्रैटेजिक साझेदारी को आगे बढ़ाना चाहते हैं. अफगान विदेश मंत्री जलमई रसूल ने प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात की.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: ओ सिंह