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आदेश के बाद बलात्कार पीड़ित की रिहाई

१५ जनवरी २०११

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने बलात्कार की पीड़ित नाबालिग दलित लड़की को रिहा करने के आदेश दिए हैं. बीएसपी विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली पीड़ित युवती महीने भर से जेल में है.

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तस्वीर: UNI

बलात्कार का मामला सामने आने के बाद विधायक ने पीड़ित युवती पर चोरी का इल्जाम लगाया. यूपी पुलिस ने पीड़ित के पास से चोरी का सामान बरामद होने के दावा किया और बलात्कार की पीड़ित युवती को जेल भेज दिया. अब बीएसपी सुप्रीमो और यूपी की मुख्यमंत्री मान रही हैं युवती के साथ अन्याय हुआ है. अपने जन्मदिन पर मायावती ने कहा, ''प्रथम दृष्टि में लगता है कि गलत ढंग से लड़की को विधायक के यहां चोरी करने के मामले में फंसाया गया. इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में रखा जाएगा ताकि न्याय हो.''

सीबी-सीआईडी की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़ित को झूठे मुकदमे में फंसाया गया. इसी को आधार बनाकर मायावती ने युवती की रिहाई के आदेश दिए हैं.महीने भर बाद मामले पर सख्ती दिखाते हुए मायावती ने कहा कि अगर उनकी पार्टी का विधायक दोषी पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा, ''अगर विधायक लड़की से बलात्कार का दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.'' प्राथमिक रिपोर्ट से बलात्कार की पुष्टि हुई है.

आरोप हैं कि बांदा से बीएसपी के विधायक पुरुषोत्तम नारायण द्विवेदी ने 10-11 दिसबंर को दलित नाबालिक युवती से बलात्कार किया. विधायक ने 12 दिसंबर को तीसरी बार भी बलात्कार की कोशिश की. इस दौरान पीड़ित युवती भागने में सफल रही. इसके बाद पीड़ित ने विधायक पर बलात्कार का आरोप लगाया और विधायक ने उल्टा युवती पर चोरी का इल्जाम लगा दिया. विधायक को महीने भर बाद पुलिस ने अब जाकर गिरफ्तार किया है, वहीं पीड़ित को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

गिरफ्तारी के बाद 14 जनवरी को विधायक को बांदा कोर्ट में पेश किया गया. अदालत के बाहर विधायक ने पीड़ित परिवार को खुली धमकी भी दे डाली. द्विवेदी ने कहा, ''बाहर निकलकर सबको देख लूंगा.'' द्विवेदी को फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. विधायक को पार्टी से भी निलंबित कर दिया गया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन