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आसमान को चूमती पैराग्लाइडर

२३ अप्रैल २०१४

आसमान में उड़ते हुए हवा से बातें करना, 20 साल से कारोलीन ब्री ने अपने पैराशूट के साथ फ्रांस की आल्प्स पहाड़ियों को घर बनाया लिया है. वो सैलानियों को हवा में ले जाती हैं, उन्हें चिड़िया जैसी उड़ान का अनुभव देती हैं.

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Paragliding in Iran
तस्वीर: Soheil Soleimani

कारोलीन का प्यार ही उनका पेशा भी है. 46 साल की कारोलीन ब्री पर्यटकों को पैराग्लाइडिंग सिखाती हैं, "पैराग्लाइडिंग करना किसी चिड़िया की तरह उड़ने जैसा है. मुझे हवा में रहना अच्छा लगता है, उड़ना अच्छा लगता है, नजारे देखना अच्छा लगता है. यहां सबकुछ जादुई है. बहुत अच्छा है, लोगों के साथ पहली बार उड़ना, उनका पहला अनुभव. मुझे अपनी पहली उड़ान याद है जब मैंने शुरू किया और इस अनुभव को बांटना जबरदस्त है. मैं दिन में कई बार यह करती हूं और अब भी मैं इसकी दीवानी हूं."

पैराग्लाइडिंग का मजा

सुबह 10 बजे कारोलीन टेक ऑफ इलाके की ओर निकल पड़ती हैं. यहां खड़ी हैं आज की पहली शौकिया ग्लाइडर. सोफिया दालमीना ब्राजील की हैं. उन्हें डर लग रहा है लेकिन वह भी पैराग्लाइडिंग का मजा लेना चाहती हैं. स्कीइंग करते दौरान वह एक दिन कारोलीन से टकरा गईं और तुरंत एक उड़ान बुक कर दी. टेक ऑफ के दौरान तेज दौड़ना बहुत जरूरी है.

कारोलीन कहती हैं, "पहली बार उड़ने से पहले डर तो सबको लगता है. काफी तनाव होता है और मेरे काम का सबसे जरूरी हिस्सा है कि लोग टेक ऑफ से पहले अपना तनाव कम करें. जब हम हवा में होते हैं तो मुझे पता है कि वह आराम से रहते हैं. उन्हें बहुत अच्छा लगता है. लेकिन मुझसे मिलने के बाद और टेक ऑफ से पहले, यह बीच का वक्त अहम है."

पहाड़ों में हवा न चले तो पैराग्लाइडिंग के लिए मौसम बिलकुल सही है. पायलट फिर अपनी उड़ान का रास्ता सटीक तरीके से तय कर सकता है. 20 मिनट की उड़ान के बाद पैराग्लाइडर घाटी पर उतरते हैं. सोफिया का पहला अनुभव जबरदस्त रहा. वह आराम से उड़ीं और ऊपर से पहाड़ों और शहरों को देखने में उन्हें शांति का अनुभव हुआ.

मों ब्लों के आसपास

पैराग्लाइडिंग के लिए मों ब्लों पहाड़ के आसपास का इलाका बहुत लोकप्रिय है. शौकिया पैराग्लाइडर इस इलाके में आराम से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकते हैं. लेकिन अगर कोच बनना हो तो इसके लिए खास डिग्री की जरूरत पड़ती है. कारोलीन खुद 22 साल पहले पेरिस से आल्प्स पहा़ड़ियों में छुट्टी मनाने आईं. फिर उन्होंने पैराग्लाइडिंग की और यहीं रह गईं. आजकल वह पर्यटकों को पैराग्लाइडिंग और स्पीड राइडिंग यानी स्की करते हुए उड़ना सिखाती हैं. कारोलीन प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लेती हैं. अब तक उनका किसी हादसे से सामना नहीं हुआ है, "खतरा तब पैदा होता है जब लोग सब भूल जाते हैं, तनाव में आ जाते हैं, वहीं अटक जाते हैं और कुछ नहीं करते. इस काम में यह दिक्कत है."

दिन में सैंकड़ों बार कारोलीन पहाड़ों में ऊपर नीचे करती हैं. ज्यादातर पर्यटक अपनी बुकिंग पहले कर लेते हैं और कुछ कारोलीन को टेक ऑफ इलाके में मिलते हैं. एक उड़ान की फीस, 100 यूरो.

मों ब्लौं पहाड़ के नीचे घाटी में शामोनी है जहां स्कीइंग होती है. 1924 में यहां पहली बार विंटर ओलंपिक खेलों का आयोजन हुआ. 9,000 लोग यहां रहते हैं और हर साल करीब 13 लाख लोग यहां छुट्टी मनाने आते हैं. हवा और मौसम, यहां के लोगों की कमाई, इन्हीं पर निर्भर है. कारोलीन के मुताबिक कभी कभी उन्हें अपने ग्राहकों को कहना पड़ता है कि मौसम की वजह से उड़ान को स्थगित करना होगा. आखिर सुरक्षा रोमांच से ज्यादा जरूरी है. लेकिन जब उनके पास खाली समय होता है तो वह उड़ रही होती हैं या स्पीड राइडिंग करती हैं.

और सीजन शुरू होते ही जब सैलानी मों ब्लों पहाड़ पर आते हैं, तो कारोलीन उनकी छुट्टियों को रोमांचक बनाने का काम करती हैं.

रिपोर्टः मिरियम दागान/एमजी

संपादनः ओंकार सिंह जनौटी