1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

इंडोनेशियाई राष्ट्रपति के 28 लाख के जूते पर विवाद

१४ जून २०१७

सोशल मीडिया पर पोस्टर शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा है, “क्या इसे ही आप जनता का नेता कहेंगे?” जो 28 लाख का जूते पहन कर दिखावा कर रहा हो और जबकि आम आदमी बिजली की बढ़ती कीमतों के बोझ से दबा है.

https://p.dw.com/p/2efvM
Hongkong Joko Widodo, Präsident Indonesien, bei Madame Tussaud's, mit Wachsebenbild
तस्वीर: Reuters/Antara Foto/Setpres-Laily Rachev

एक हफ्ते पहले पश्चिमी जावा के दौरे पर गये इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को लेकर सोशल मीडिया पर खूब हलचल दिखी. सोशल मीडिया यूजर्स में विवाद विडोडो के इस दौरे में पहने महंगे नाईकी कंपनी के जूतों को लेकर छिड़ा है.

आलोचकों ने लिखा कि राष्ट्रपति अपने दौरे में नाइकी कंपनी के लूनार एपिक फ्लाइनिट जूते पहने हुए थे, जो बहुत ही महंगे हैं, जबकि इस दौरे में लोग उनसे बढ़ती हुयी महंगाई की शिकायत कर रहे थे.

सोशल मीडिया पर पोस्टर शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा है, "क्या इसे ही आप जनता का नेता कहेंगे?” जो 28 लाख का जूते पहन कर दिखावा कर रहा हो, जबकि आम आदमी बिजली की बढ़ती कीमतों के बोझ से दबा है. इंडोनेशिया के 28 लाख रुपिया का मूल्य इस समय लगभग 200 अमेरिकी डॉलर के बराबर हैं.

इस मामले में विडोडो ने कहा कि उन्होंने वे जूते पहने क्योंकि वे बहुत हल्के हैं और वे अलग दिखना चाह रहे थे. उन्होंने वे जूते चुने क्योंकि उनका रंग बहुत खूबसूरत है और वे लोगों को उबाऊ नहीं लगना चाहते थे. राष्ट्रपति विडोडो ने आगे और सफाई देते हुए बताया है कि निरीक्षणों के दौरान काफी चलना फिरना होता है इसलिए भी इन जूतों का चुनाव किया.

जोको विडोडो 2014 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति चुने गये थे. जोको इंडोनेशिया के काफी लोकप्रिय नेता के रूप में जाने जाते हैं. उनके पिता लकड़ी बेचने का काम करते थे. जब विडोडो ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी, तब लोगों में इस बात की खूब चर्चा थी कि एक आम आदमी उभर कर इस पद तक पहुंचा है. इसके अलावा लोगों के बीच उनकी छवि बहुत ही साफ और ईमानदार व्यक्ति वाली रही है. यह एक बड़ी वजह रही कि चुनाव में उनको ग्रामीण इलाकों और शहरी युवाओं का बड़ा समर्थन हासिल हुआ. शायद यही कारण है कि हमेशा भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात कहने वाले नेता से उनके लोगों को और बेहतर उम्मीदें हैं और अपने आम आदमी की छवि वाले नेता को 28 लाख के जूतों में देख कर उन्हें धक्का पहुंचा है.

एसएस/आरपी (डीपीए)