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इटली में फुटबॉलरों ने किया हड़ताल का एलान

११ सितम्बर २०१०

वर्ल्ड कप के पहले से ही परेशानियों से जूझ रहे इटली के फुटबॉल जगत के सामने एक और मुश्किल आ खड़ी हुई है. वहां के सीरी ए चैंपियनशिप के खिलाड़ियों ने हड़ताल करने का एलान कर दिया है. हड़ताल 25 और 26 सितंबर को बुलाई गई है.

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सीरी ए पर खतरातस्वीर: AP

खिलाड़ियों के इस विद्रोह की वजह है साझा कॉन्ट्रैक्ट का ना होना. इटली की फुटबॉलर्स एसोसिएशन कई महीनों से खिलाड़ियों के कॉन्ट्रैक्ट्स को लेकर विरोध कर रही है. विरोध तब शुरू हुआ जब खिलाड़ियों के कॉन्ट्रैक्ट खत्म हुए. इसके बाद नए कॉन्ट्रैक्ट बनने थे, लेकिन इन पर सहमति नहीं बन पाई. शुक्रवार को खिलाड़ियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हड़ताल की घोषणा कर दी.

एसी मिलान के डिफेंडर मासिमो ओडो ने कहा कि एसोसिएशन अपने खिलाड़ियों के हक की लड़ाई को तैयार है. उन्होंने कहा, "एसोसिएशन ने फैसला किया है कि सीरी ए के खिलाड़ी चैंपियनशिप के पांचवें राउंड के मैचों में 25 और 26 सितंबर को मैदान पर नहीं जाएंगे. हम लोग नए कॉन्ट्रैक्ट नियमों को थोपे जाने का विरोध करते हैं."

इन दो दिनों के लिए सीरी ए का पूरा कार्यक्रम तैयार है और अगर हड़ताल होती है तो इससे मैच प्रसारण करने वालों पर मार पड़ेगी ही, साथ ही पूरे सीजन के लिए लीग का शेड्यूल बिगड़ जाएगा. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब इटली की फुटबॉलर्स एसोसिएशन ने हड़ताल की धमकी दी है. 1996 में भी एसोसिएशन ने इसी तरह के मुद्दों पर हड़ताल की. उसके बाद भी कई बार हड़ताल करने की धमकी दी जाती रही, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. या तो किसी तरह का समझौता हो गया या खिलाड़ियों ने अपने कदम वापस खींच लिए.

लेकिन इस बार मामला ज्यादा बढ़ चुका है. यूनियन के सदस्य ओडो ने कहा कि हड़ताल तो जरूर होगी. 2006 में फुटबॉल वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे ओडो अब क्लब एसी मिलान के लिए कभी कभार ही खेलते हैं. उन्होंने कहा, "हड़ताल नए कॉन्ट्रैक्ट के खिलाफ तो है ही, साथ ही वजह यह भी है कि हम खिलाड़ियों के साथ ऐसा व्यवहार होता है, मानो हम कोई वस्तु हों."

इस टर्म की शुरुआत में सीरी ए ने बाकी इटैलियन लीग से खुद को अलग कर लिया क्योंकि क्लबों के बॉस चीजों को अपने तरीके से चलाना चाहते हैं. लेकिन खिलाड़ियों की हड़ताल के एलान के बाद उन्होंने कहा कि वे सोमवार को नया कॉन्ट्रैक्ट पेश करेंगे. लीग के चीफ मोरिसियो बेरेटा ने कहा कि हड़ताल जैसा कदम तो एक अतिवादी कदम है. उन्होंने कहा, "जब आप समझौते की मेज पर जाते हैं तो अपने साथ भरी हुई बंदूक लेकर जाना कोई समझदारी नहीं है."

खिलाड़ी क्लबों के बदलते रवैये को लेकर काफी परेशान हैं क्योंकि कॉन्ट्रैक्ट के आखिरी सालों में क्लब अपने उम्रदराज खिलाड़ियों को टीमें बदलने के लिए मजबूर करते हैं. जिन खिलाड़ियों की जरूरत क्लबों को नहीं रहती उनका पैसा भी कम कर दिया जाता है. हालांकि हाल के सालों में क्लबों के मालिकों और कुछ फैन्स ने भी कहा कि जब खिलाड़ी ज्यादा पैसे के लिए अपना क्लब बदलना चाहते हैं तो वे अच्छा प्रदर्शन करना बंद कर देते हैं. लेकिन एसोसिएशन का कहना है कि उन खिलाड़ियों के साथ बदमाशी की जाती है जिन्हें ज्यादा पैसा मिलता है. क्लब उन्हें अब अपनी टीम में नहीं चाहते तो आखिरी सालों में उनका पैसा आधा कर दिया जाता है.

जानकार कहते हैं कि इटली के खिलाड़ियों की इस हड़ताल का असर बाकी देशों की फुटबॉल लीग तक भी फैल सकता है. हालांकि लोगों का मानना है कि हड़ताल होने से पहले ही कोई समझौता हो जाएगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एस गौड़

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