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समाज

इतिहास में आज: 1 अगस्त

समरा फातिमा३१ जुलाई २०१४

राजशाही के दौर में तो राजधानियां बदलती ही रही हैं लेकिन पाकिस्तान को लोकशाही में भी अपनी राजधानी बदलनी पड़ी. 1960 में आज ही के दिन इस्लामाबाद को कराची की जगह देश की नई राजधानी बनाने का एलान किया गया.

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तस्वीर: AAMIR QURESHI/AFP/Getty Images

विभाजन के बाद जब पाकिस्तान बना तो कराची को राजधानी बनाने के कई कारण थे, बड़ा होने के अलावा शहर से लगा बंदरगाह भी था जो व्यापार के लिए भी अहम था लेकिन सिर्फ इतना ही काफी नहीं था. देश की राजधानी होने के नाते कला और संस्कृति से लैस होने के अलावा राजधानी के लिए ऐसा शहर चाहिए था जहां कार्यलयों के लिए पर्याप्त इमारतें और नई इमारतों के लिए जगह भी हो.

1959 में राष्ट्रपति मुहम्मद अयूब खान के नेतृत्व में रावलपिंडी के पास के इलाके को राजधानी के लिए चुना गया, जिसका नाम इस्लामाबाद रखा गया. इस्लामाबाद को राजधानी बनाने का एक कारण यह भी था कि यह पाकिस्तान की सेना के मुख्यालय, रावलपिंडी और विवादित इलाके कश्मीर से करीब है. 1960 में ग्रीस के वास्तुकार कोस्टांटिनोस ए डोक्सिआडिस ने इस्लामाबाद का एक आधुनिक शहर के रूप में नक्शा तैयार किया. जब तक नई राजधानी तैयार नहीं हुई थी रावलपिंडी को अस्थायी राजधानी बना दिया गया. सत्तर के दशक के मध्य में कहीं जाकर इस्लामाबाद में शहर की मुख्य इमारतों और सड़कों का काम पूरा हुआ.

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