1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

इतिहास में आज: 11 जून

१० जून २०१४

स्कूबा डाइविंग करने वाले पानी में जाने से पहले एक्वा लंग पहनते हैं ताकि वे गहरे पानी में भी सांस ले सकें. इस यंत्र की खोज 1943 में ज़ाक कूस्तो ने की थी. कूस्तो का जन्म आज ही के दिन 1910 में हुआ था.

https://p.dw.com/p/18nCi
तस्वीर: DW

ज़ाक कूस्तो ना सिर्फ वैज्ञानिक बल्कि प्रकृति के संरक्षक, फोटोग्राफर और फिल्मकार के अलावा फ्रांसीसी नौसेना अधिकारी भी थे. इन दिनों इस यंत्र को डाइविंग रेगुलेटर के नाम से भी जाना जाता है.

कूस्तो के नेतृत्व में फ्रांसीसी नौसेना के समुद्र के भीतर शोध करने वाले समूह की स्थापना हुई. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पैरिस पर नाजियों के कब्जे के बाद कूस्तो और उनके परिवार ने स्विट्जरलैंड की सीमा के पास मेग्रीवी नाम के एक गांव में शरण ली जहां उन्होंने पानी के भीतर होने वाले अपने शोधों को जारी रखा.

Jacques Cousteau
तस्वीर: dpa - Fotoreport

इसी बीच उनकी मुलाकात फ्रांसीसी इंजीनियर एमिली गाग्नान से हुई, उन्हें भी शोध कार्यों में खासी दिलचस्पी थी. यहां दोनों ने मिलकर काम करना शुरू कर दिया. उस समय गोताखोरी में इस्तेमाल होने वाले वायु सिलेंडर की खोज हो चुकी थी. 1943 में दोनों ने मिलकर एक्वा लंग की खोज की जिसे बॉडी सूट के साथ पहनना ज्यादा आसान था. इस यंत्र के इस्तेमाल से गोताखोरों के लिए पानी के भीतर देर तक रहना आसान हो गया.

गहरे पानी के भीतर पानी के दबाव को सहन करने वाले वॉटर प्रूफ कैमरे की खोज में भी कूस्तो का अहम योगदान रहा. अपने इन प्रयोगों के दौरान कूस्तो ने समुद्री खोज पर दो डॉक्यूमेंट्री फिल्में भी बनाईं.

एसएफ/एनआर