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इतिहास में आज: 17 अगस्त

समरा फातिमा१६ अगस्त २०१३

राजनेताओं से जुड़ी कई रहस्यमयी मौतों के मामले अब तक सामने आए हैं. ऐसी ही एक मौत 1988 में आज ही के दिन पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक की हुई.

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Portrait dated 25 January 1982 of Pakistanese president general Muhammad Zia-Ul-Haq, during a press conference, in Paris, after a meeting with French president Fran?ois Mitterrand, during a 24-hour official visit in France. Appointed Chief of Army Staff in 1976, General Zia-ul-Haq came to power after he overthrew ruling Prime Minister Zulfikar Ali Bhutto, after widespread civil disorder, in a bloodless military coup d'?tat on 05 July 1977 and imposed Martial Law. He assumed the post of President of Pakistan in 1978 which he held till his death on 17 August 1988. (Photo credit should read PHILIPPE BOUCHON/AFP/Getty Images)
तस्वीर: PHILIPPE BOUCHON/AFP/Getty Images

पाकिस्तान के राष्ट्रपति मुहम्मद जिया उल हक 17 अगस्त को हवाई हादसे में मारे गए. हक पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत आरनॉल्ड राफेल और पाकिस्तान को अमेरिका की सैन्य मदद के मिशन प्रमुख जनरल हर्बर्ट वासम के साथ बहावलपुर हवाई अड्डे से जहाज में सवार हुए. उनके साथ इस सी-130 विमान में पाकिस्तान सेना के कुछ उच्चपदस्थ अधिकारी भी मौजूद थे. उड़ान के कुछ मिनटों बाद ही कंट्रोल टावर का विमान से संपर्क टूट गया और जहाज जमीन पर आ गिरा.

वॉशिंग्टन ने मामले की जांच में पाकिस्तान की मदद के लिए कुछ अमेरिकी वायुसेना अधिकारियों को भी भेजा. लेकिन दोनों अलग अलग नतीजे पर पहुंचे और दोनों की रिपोर्टों में अंतर था. अमेरिकी जांचकर्ताओं की रिपोर्ट में कहा गया कि विमान में तकनीकी खराबी के कारण यह हादसा हुआ. इस तरह की तकनीकी खराबी सी-130 विमान के साथ अक्सर सामने आती है. वहीं पाकिस्तान की रिपोर्ट में कहा गया कि उन्हें इस बात के प्रमाण मिले कि विमान में कंट्रोल सिस्टम की कुछ तारें घिसी और टूटी हुई थीं. अमेरिकी लैब में परीक्षण के बाद पाया गया कि कंट्रोल सिस्टम के एलिवेटर बूस्टर पैकेज में पीतल और अलुमिनियम की मिलावट थी.

ब्रिटेन के अखबार द संडे टाइम्स ने 2008 में एक लेख में यह भी लिखा कि इस विमान को चला रहे पायलट मसूद हसन ने हादसे से पहले अपने एक साथी से कहा था कि वह जिया उल हक को एक धार्मिक नेता की हत्या के लिेए जिम्मेदार मानते हैं. उसके अनुसार हसन ने यह भी कहा था कि जिस दिन हक उसके साथ विमान में चढ़ेंगे वह उनका अंतिम दिन होगा. इस हादसे को लेकर कई साजिशों का जिक्र किया गया लेकिन किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका.

जिया उल हक को पाकिस्तान के इस्लामीकरण के लिए याद किया जाता है. उन्होंने धार्मिक और दक्षिणपंथी पार्टियों को अपने साथ करने के लिए संविधान में ऐसे संशोधन किए जो आज भी उसके गले की फांस बने हुए हैं. उन्होंने न सिर्फ निर्वाचित प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो नागरिक सरकार को गिरा कर सत्ता पर कब्जा किया बल्कि एक जाली मुकदमे का सहारा लेकर उन्हें फांसी पर भी लटकवा दिया.

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