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इतिहास में आज: 28 अक्टूबर

ऋतिका राय२७ अक्टूबर २०१४

साल 1886 में आज ही के दिन अमेरिका को फ्रांस की ओर से दोस्ती के प्रतीक के तौर पर स्टैचु ऑफ लिबर्टी भेंट की गई थी.

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तस्वीर: dapd

अमेरिका के न्यू यॉर्क हार्बर में स्थित 'दि स्टैचु ऑफ लिबर्टी' दोस्ती की निशानी है. फ्रांस के लोगों की ओर से मिले इस तोहफे को अमेरिका के राष्ट्रपति ग्रोवर क्लीवलैंड ने अपनी जनता की ओर से स्वीकार किया. इस मूर्ति को मूल रूप से "लिबर्टी इनलाइटेनिंग दि वर्ल्ड" कहा गया था.

Bildergalerie Die höchsten Bauten der Welt
तस्वीर: Getty Images

इस मूर्ति की परिकल्पना फ्रांसीसी इतिहासकार एडुवा डि लाबुले ने अमेरिकी क्रांति के दौरान स्थापित हुए फ्रैंको-अमेरिकन सहयोग के प्रतीक स्वरूप बनाने की सोची. फ्रांसीसी शिल्पकार फ्रेदरिक-औगुस्त बार्थोली ने बनाया. 151 फुट ऊंची इस मूर्ति को एक ऐसी महिला का स्वरूप दिया जिसके हाथ में एक मशाल ऊंची उठी हो. इस विशालकाय मूर्ति के स्टील के ढांचे को दो मशहूर फ्रांसीसी वास्तुकारों यूजेन इमानुएल विओले ले दुक और अलाक्जाँद्रे गुस्तोव आइफेल ने तैयार किया. आइफेल वही डिजाइनर हैं जिन्होंने पेरिस की विश्व प्रसिद्ध संरचना आइफेल टावर को भी डिजाइन किया.

फरवरी 1877 में अमेरिकी कांग्रेस ने न्यूयार्क में एक द्वीप पर इसे लगाए जाने की अनुमति दी. मई 1884 में फ्रांस में यह मूर्ति बन कर तैयार हुई. जून 1885 में इसे करीब 200 टुकड़ों में पैक कर अमेरिका लाया गया. न्यू यॉर्क हार्बर में इस जोड़कर पूरी मूर्ति खड़ी की गई. 28 अक्टूबर, 1886 के दिन अमेरिकी राष्ट्रपति क्लीवलैंड के अलावा अमेरिका और फ्रांस के कई गणमान्य लोग स्टैचु ऑफ लिबर्टी को देश को सौंपे जाने के अवसर पर उपस्थित थे. साल 1924 में इसे एक राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर दिया गया.