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मंथन 149 में खास

आईबी/ओएसजे९ सितम्बर २०१५

मंथन में इस बार इस्राएल के रेगिस्तान से हैती के तट तक पर्यावरण के मुददों पर चर्चा. साथ ही बात एंटीबायोटिक्स की और लाखों यूरो की पेंटिंग्स की भी.

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Evrona Wüste Israel
तस्वीर: sergei_fish13/Fotolia.com

धरती के भूभाग का करीब चालीस फीसदी हिस्सा रेगिस्तान या सूखी जमीन से घिरा है. जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी बढ़ रही है और रेगिस्तान भी फैल रहे हैं. इससे 100 देशों में एक अरब से भी अधिक लोगों पर असर पड़ रहा है. मरुस्थल में किस तरह से पेड़ उगाए जा सकते हैं, पिछले पचास में इस्राएल ने इस विषय में महारत हासिल कर ली है. मंथन में जानिए कि रिसर्चर कैसे रेगिस्तान के पौधों के जरिए खेती बाड़ी को बेहतर बना रहे हैं.

कैरीबियाई द्वीप हैती अपने साफ सुथरे पुराने बीच के लिए मशहूर था. इन दिनों यह देश अपनी गरीबी और पर्यावरण को हो रहे नुकसान के कारण सुर्खियों में रहता है. 2010 में आए भूकंप के बाद स्थिति और भी खराब हो गई है. केप हाइतियन और पड़ोस के गांवों में लोग मछली पकड़ कर आजीविका चलाते हैं. लेकिन आजकल जब वे मछली मारने निकलते हैं तो उनके जाल में कचरा ही फंसता है. मछुआरा कैसे निपट रहे हैं कचरे की इस समसया से जानिए मंथन की रिपोर्ट में.

मंथन 149 में खास

नये एंटीबायोटिक

स्कॉटलैंड के बैक्टीरिया विशेषज्ञ अलेक्जांडर फ्लेमिंग ने सितंबर 1928 में पेंसिलिन की खोज की थी. यह आधुनिक चिकित्सा में मील का पत्थर था. बाद में इसकी वजह से पहली बार बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों का इलाज संभव हुआ. लेकिन इस बीच बैक्टीरिया प्रतिरोधी क्षमता विकसित करते जा रहे हैं. इसकी वजह जानवरों के चारे में और इंसान के इलाज एंटीबायोटिक्स का बढ़ता इस्तेमाल है. अब अमेरिका और जर्मनी के वैज्ञानिकों को नई दवा मिली है जो खतरनाक बैक्टीरिया के खिलाफ इलाज में प्रभावी हो सकती है. मंथन की खास रिपोर्ट में जानिए कि किस तरह से काम करती है यह दवा.

ऑग्मेंटेड रिएलिटी

आधुनिक स्मार्टफोन अपने माहौल को देखने के तरीके में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं. वे अपने यूजर के लोकेशन का पता रखते हैं और बिल्ट इन कैमरे की मदद से उस दिशा की भी जिस तरफ यूजर देख रहा है. इससे इंटरनेट की सूचना को किसी इमारत या दूसरे ऑब्जेक्ट पर सुपर इंपोज करना संभव होता है और फिर असली और वर्चुअल दुनिया का एक ब्लेंड बनता है. क्या है इस अद्भुत अनुभव के पीछे की तकनीक, बताएंगे आपको इस बार मंथन में.

लाखों की कला

कला की पहचान रखने वालों के लिए आर्ट बाजेल मक्का मदीना के समान है. हर साल स्विट्जरलैंड के बाजेल, मायामी बीच और हॉन्ग कॉन्ग में कला की यह मशहूर प्रदर्शनी लगती है. इस साल स्विट्जरलैंड में 4000 कलाकारों ने इसमें हिस्सा लिया. अक्सर म्यूजियम क्यूरेटर यहां से बड़ी संख्या में पेंटिंग और कलाकृतियां ले जाते हैं. आम जनता के लिए जब तक प्रदर्शनी खुलती है, तब तक अधिकतर माल बिक चुका होता है. कला के दीवाने तो यहां लाखों खर्च करने को तैयार हैं.

दुनिया भर की इन रोमांचक जानकारी के लिए देखना ना भूलें मंथन शनिवार सुबह 11 बजे डीडी नेशलन पर.