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ईयू की चुनौती: आर्थिक विकास और रूस

१ जनवरी २०१५

नया साल यूरोप के लिए चुनौती भरा होगा. विकास के लिए अरबों के सार्वजनिक निवेश की जरूरत होगी और रूस के प्रति साफ रवैये की. घरेलू मोर्चे पर ब्रिटेन के साथ विवाद तय है, जहां यूरोप विरोधी पार्टी यूकिप लगातार मजबूत हो रही है.

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EU Gipfel in Brüssel
तस्वीर: picture alliance/AA/D.Aydemir

अगले साल में होने वाले बदलावों के बारे में डॉयचे वेले के सवाल पर यूरोपीय आयोग के प्रमुख जाँ क्लोद युंकर ने कहा है, "ताजा हवा आएगी, तूफान नहीं." आयोग यूरोपीय संघ को नई गति देगा और नए रोजगार बनाने और 315 अरब यूरो के निवेश कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करेगा. युंकर ने इटली और फ्रांस जैसे संकट में पड़े देशों की उम्मीदों पर लगाम लगाते हुए कहा, "सरकारी बजट को स्वस्थ बनाना महत्वपूर्ण रहेगा." यूरोपीय संघ ने सदस्य देशों में अगले साल 1.1 प्रतिशत के मामूली विकास का आकलन किया है, हालांकि अलग अलग देशों में इसमें अंतर रहेगा.

जर्मनी की हालत कुछ हद तक अच्छी है जबकि दूसरे बड़े देश स्थगन का शिकार हैं. ईयू कमिश्नर जिर्की कातेनेन कहते हैं, "आर्थिक और रोजगार के हालात तेजी से बेहतर नहीं हो रहे हैं." यूरोपीय केंद्रीय बैंक इस साल भी बजट घाटे के संकट और धीमे आर्थिक विकास की समस्या से जूझेगा. जोखिम ज्यादा हैं, खासकर मुद्रास्फीति की अत्मयंत कम दर मुद्रा रक्षकों को चिंतित कर रही है. केंद्रीय बैंक बाजार में बड़े पैमाने पर रोकड़ा झोंकने को तैयार है. इटली इसके लिए दबाव डाल रहा है, जर्मनी इसे रोक रहा है और संयमित राजस्व नीति का समर्थन कर रहा है.

ग्रीस और ब्रिटेन

यूरो संकट, जिसे बहुत से लोगों ने खत्म हुआ समझ लिया है, 2015 में फिर से वापस लौट सकता है.यदि ग्रीस में होने वाले चुनावों में सर्वेक्षणों में आगे चल रही वामपंथी सिरिजा पार्टी जीतती है तो वित्तीय बाजार से भरोसा उठ सकता है. युंकर ने बिना किसी लाग लपेट के चेतावनी दी है, "ग्रीक लोगों को पता है कि कि चुनावों में गलत नतीजे का क्या असर हो सकता है." इंवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स ने कहा है, "यदि भावी सिरिजा सरकार अपनी धमकी पर अमल करती है और कर्ज न चुकाकर दाताओं से टकराव की नीति अपनाती है तो यूरोपीय बैंक को ग्रीस के बैंकों को कई दिनों तक बंद रखना होगा." ग्रीस पर अंतरराष्ट्रीय संस्थानों का 250 अरब यूरो कर्ज है. ग्रीक त्रासदी का असर दूसरे देशों पर भी पड़ेगा.

David Cameron und Jean-Claude Juncker
कैमरन और युंकरतस्वीर: picture-alliance/dpa/EU/Creemers

मुश्किल आर्थिक परिस्थितियों और यूरोप तथा ब्रसेल्स से असंतोष के कारण यूरोप में विरोधी ताकतें बढ़ रही हैं. इसकी पुष्टि ब्रिटेन में मई में होने वाले चुनाव में भी होगी. 2014 के यूरोप चुनाव में जीतने वाली यूकिप पार्टी को सीमा में रखने के लिए प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने अपने मतदाताओं को ईयू के साथ अधिक राष्ट्रीय अधिकारों के लिए बातचीत का आश्वासन दिया है. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने लक्ष्मण रेखा तय कर दी है, "यूरोपीय कर्मचारियों के लिए आने जाने की आजादी पर कोई समझौता नहीं हो सकता." कैमरन यूरोप के देशों से लोगों के आने को रोककर विदेशी विरोधी भावना से निबटना चाहते हैं.

यदि उनकी योजना विफल होती है तो 2017 में होने वाले जनमत संग्रह में शायद उन्हें ही ईयू छोड़ने की वकालत करनी होगी. इसी मई में शायद गुडबाय ब्रिटेन की नौबत आ सकती है. यह यूरोपीय संघ को गहरे संकट में डाल सकता है. हंगरी, फ्रांस, इटली, स्वीडन और जर्मनी के यूरोप विरोधी और मजबूत होंगे. फ्रांस में हालत बिगड़ सकती है जहां उग्र दक्षिणपंथी मारीन ले पेन ईयू से बाहर निकलने की वकालत कर रही हैं. ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच सुलह करवाना परिषद के नए अध्यक्ष डोनाल्ड टुस्क की मुख्य जिम्मेदारी होगी.

यूक्रेन संकट

पोलैंड के प्रधानमंत्री रहे डोनाल्ड टुस्क के लिए यूरोपीय एजेंडे में सबसे ऊपर विदेशनैतिक संकट में नंबर एक है, यूक्रेन और रूस के साथ रिश्ते. यूरोपीय देशों के राज्य व सरकार प्रमुखों के अध्यक्ष के रूप में टुस्क पूरब की ओर सावधान रहने और रूस को संवाद के लिए राजी कराने की कोशिश करेंगे. टुस्क ने पद संभालते हुए कहा, "मैं पूर्वी यूरोपीय नजरिया पेश करूंगा. मार्च में ईयू रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को बढ़ाने के मुद्दे पर फैसला करेगा." संघ की एकता का यह पहला टेस्ट होगा. हंगरी और इटली जैसे देश क्रीमिया पर कब्जे के बाद लगाए गए प्रतिबंधों के असर पर संदेह कर रहे हैं. लातविया का कहना है कि ईयू और नाटो को यूक्रेन में रूस की कार्रवाई के खिलाफ सही जवाब ढूंढ़ना होगा.

पोरोशेंको के साथ ओलांद और मैर्केल
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Guido Bergmann

यूरोपीय आयोग ने 2015 में लालफीताशाही को कम रखने और सिर्फ जरूरी कानून पास कराने का इरादा व्यक्त किया है. इस पर अमल हो सकेगा या नहीं देखना होगा क्योंकि संसद के सदस्य पर्यावरण के क्षेत्र में कुछ कानूनों को आसान बनाने या समाप्त करने की घोषणा का विरोध कर रहे हैं. साल के आखिर में पर्यावरण नीति केंद्रीय भूमिका निभाएगी. उस समय पेरिस संयुक्त राष्ट्र के जलवायु सम्मेलन की मेजबानी करेगा. यूरोपीय संघ कांच घर गैसों की निकासी के लिए बाध्यकारी लक्ष्य तय करने पर जोर दे रहा है.

वाटरलू और द्वितीय विश्व युद्ध

ऐतिहासिक घटनाओं को याद करने और स्मृति दिवस मनाने के भी कई मौके होंगे. मई में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 70वीं वर्षगांठ है. यूरोप में युद्ध और शांति के मुद्दे पर यूरोपीय संघ की पूर्वी सीमा पर चल रहे संकट की पृष्ठभूमि में विचार किया जाएगा. एक अन्य सालगिरह दिखाएगी कि दूसरे की जमीन पर कब्जे, आक्रमण और देशों के मिटाने का क्या दूरगामी असर होता है. जून में वाटरलू युद्ध की 200वीं वर्षगांठ है.

फ्रांस के सत्तालोलुप सम्राट नेपोलियन को यूरोप की मौजूदा राजधानी ब्रसेल्स के निकट निर्णायक हार का सामना करना पड़ा था. बहुत से सारे एक्स्ट्रा की मदद से वाटरलू के दृश्य दोहराए जाएंगे. इस मौके पर पूरे यूरोप से मेहमान आएंगे. 1815 में ब्रिटेन, प्रशिया, ऑस्ट्रिया और रूस आक्रमणकारी फ्रांस के खिलाफ एक साथ लड़े थे.

बैर्न्ड रीगर्ट/एमजे