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ईयू से भिड़े रियाल, बार्सा

१७ दिसम्बर २०१३

खिलाड़ियों पर करोड़ों डॉलर खर्च करने वाले रियाल मैड्रिड और बार्सिलोना यूरोपीय आयोग की जांच के लपेटे में आए हैं. मशहूर फुटबॉल क्लबों पर टैक्स में धांधली का आरोप लग रहा है. स्पेन सरकार ने कहा कि हमारे क्लब पाक साफ हैं.

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तस्वीर: dapd

रियाल मैड्रिड और बार्सिलोना स्पेन के उन सात क्लबों में हैं जिन पर गैरकानूनी ढंग से सरकारी मदद लेने का आरोप लगा है. स्पेन के विदेश मंत्रालय के मुताबिक यूरोपीय आयोग ओसासुना, एथलेटिक बिलबाओ, वेलेंसिया और एल्ची के खिलाफ भी जांच करेगा. दूसरी वरीयता की लीग में खेलने वाला क्लब हरक्यूलिस भी घेरे में है.

स्पेन सरकार ने अपने क्लबों का साथ देने का एलान किया है. जांच के बारे में स्पेन के विदेश मंत्री खोसे मानुएल गार्सिया मार्गायो ने कहा, "सरकार स्पेन के क्लबों को बचाने के लिए आखिरी दम तक लड़ेगी क्योंकि ये स्पेन के ब्रांड भी हैं." विदेश मंत्री के मुताबिक स्पेन के क्लबों ने कोई नियम नहीं तोड़े हैं.

बार्सिलोना के प्रवक्ता टोनी फ्रेइसा ने आरोपों को निराधार बताया है. क्लब का कहना है कि उसने "कभी सार्वजनिक कोष से किसी तरह की मदद नहीं ली." स्पैनिश लीग ने अपने समर्थकों से कहा है कि वो अपने क्लबों को इस लड़ाई में बिना शर्त समर्थन दें.

आयोग यूरोपीय संघ के तहत आने वाले देशों में ईयू संधि के नियमों को लागू करवाता है और उन पर नजर भी रखता है. आरोपों के मुताबिक स्पेनिश क्लब निजी सदस्यों द्वारा चलाए जाते हैं, लेकिन इन्हें सरकार से आर्थिक मदद भी मिलती है. क्लबों के लिए लचीला टैक्स सिस्टम बनाया गया है.

रियाल मैड्रिड और बिलबाओ पर तो ट्रेनिंग सुविधायें बेहतर करने के लिए सरकारी मदद लेने के भी आरोप हैं. कहा जा रहा है कि इन्होंने सरकारी पैसे से स्टेडियम भी बनवाया. जांच में महीनों लग सकते हैं. माना जा रहा है कि बुधवार को यूरोपीय आयोग इससे जुड़ा एलान करेगा.

ओएसजे/एमजे (एपी)

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