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उत्तराखंड में स्कूल तबाह, 18 की मौत

१९ अगस्त २०१०

उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में भारी बारिश ने तबाही मचाई. तहसील कपकोट के पास बादल फटने से एक गांव बहा, स्कूल की इमारत ढही. 18 बच्चों की मौत. राहत और बचाव में मुश्किलें. इलाके से सड़क और टेलीफोन संपर्क कटा.

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लेह में भी फटा है बादलतस्वीर: AP

बागेश्वर से करीब 35 किलोमीटर दूर कपकोट के पास सरस्वती शिशु मंदिर की इमारत बरसाती मलबे से ढह गई. सुमगड़ गांव का यह स्कूल सुबह 10 बजे मलबे की चपेट में आया. दूरदराज के गांव में चल रहे इस स्कूल में हादसे के वक्त 25 से 30 बच्चे और अध्यापक थे. छह बच्चों को बचाया जा सका. अन्य की मलबे में तलाश की जा रही है.

आपदा आपातकालीन सेवा विभाग के अधिकारी अनूप नौटियाल ने कहा, ''18 बच्चों के शव मिल चुके हैं, मलबे में और बच्चे हो सकते हैं.'' पहाड़ी पर बसे इस गांव में राहत और बचाव का काम करने में काफी कठिनाई हो रही है. सड़क बंद होने की वजह से भी बचाव का काम मुश्किल हो रहा है. टेलीफोन संपर्क कटा हुआ है, बिजली भी नहीं है.

कपकोट के स्थानीय लोगों के मुताबिक तीन दिन से हो रही लगातार बारिश की वजह से सुमड़ गांव ही बह चुका है. कपकोट सरयू नदी के किनारे बसा हुआ है. पिंडारी ग्लेशियर जाने वाले इस रास्ते में कई छोटी नदियां और नाले भी हैं. यह अक्सर बरसात में उफनते हुए जमीन काटते रहते हैं. यह इलाका हिमालय के बेहद करीब है. यहां सामान्य दिनों में भी सड़कों और टेलीफोन सेवाओं का हाल संतोषजनक नहीं रहता है.

भारत के पहाड़ी राज्यों में इन दिनों भारी बरसात ने कहर मचाया हुआ है. लेह और गंगोत्री में भी बारिश की वजह से भारी तबाही हो चुकी है. रिपोर्टों के मुताबिक पहाड़ी राज्यों में अब तक 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल