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उत्तर कोरिया ने किया रॉकेट इंजन का परीक्षण

२८ मार्च २०१७

भारी तनातनी के बीच उत्तर कोरिया ने रॉकेट इंजन का परीक्षण किया है. अमेरिकी अधिकारियों ने संभावना जताई है कि यह परीक्षण उत्तर कोरिया का अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करने की दिशा में उठाया गया कदम है.

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Nordkorea Raketentest bei Hwasong
तस्वीर: Reuters/KCNA

इसके पहले चार बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण भी उत्तर कोरिया ने किया था जिसके बाद अमेरिका ने दक्षिण कोरिया में मिसाइल प्रतिरोधी सिस्टम को तैनात करना शुरू कर दिया था. नाम न बताने की शर्त पर कुछ अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि इस परीक्षण को शुक्रवार रात को अंजाम दिया गया था और इस इंजन का इस्तेमाल अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) में किया जा सकता है.

इस महीने के शुरुआत में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने कहा था कि उनके देश ने जो नये परीक्षण किये हैं उसने एक नई रॉकेट इंडस्ट्री को जन्म दिया है. उत्तर कोरिया की मीडिया मुताबिक, इंजन से विश्व स्तरीय उपग्रह प्रक्षेपण क्षमता हासिल करने में मदद मिलेगी. मीडिया ने खुले तौर पर तो नहीं लेकिन रॉकेट लॉन्च की ओर इशारा करते जरूर कहा कि लंबी दूरी की मिसाइलों के लिये यह रॉकेट इंजन नये प्रकार का परीक्षण है.

कोरियाई नेता किम जोंग-उन पहले ही कह चुके हैं कि उनका देश आईसीबीएम टेस्ट-लॉन्च के करीब है. विशेषज्ञों के मुताबिक उत्तर कोरिया आईसीबीएम के लिये रॉकेट इंजन और हीट-शील्ड का परीक्षण कर रही है और वातावरण में पुन:प्रवेश करती मिसाइल को गाइड करने के लिये नई तकनीक विकसित कर रहा है. विशेषज्ञों ने संदेह जताया कि यदि इसे पूरी तरह विकसित कर लिया जायेगा तो उत्तर कोरियाई आईसीबीएम अमेरिका के लिये खतरा बन सकता है. संयुक्त राज्य अमेरिका, उत्तर से तकरीबन 9000 किमी दूर है. आईसीबीएम की न्यूनतम रेंज करीब 5500 किमी होती है लेकिन कुछ को 10000 किमी और इससे अधिक दूरी तक के लिये विकसित किया जा सकता है.

संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों की अनदेखी करते हुये उत्तर कोरिया जैसे अलग-थलग रहने वाले देश ने मिसाइल लॉन्च करने की सीरीज छे़ड़ दी है.

हाल में अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने अपनी एशियाई यात्रा के दौरान कहा था कि जब तक उत्तर कोरिया अपने मिसाइल लॉन्च कार्यक्रम नहीं छोड़ता उससे बातचीत के लिये आमंत्रित करने का सवाल ही नहीं बनता.

एए/ओएसजे (रॉयटर्स)