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ट्रंप के बयान की तुलना कुत्ते के भौंकने से

२१ सितम्बर २०१७

उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री री योंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति के संयुक्त राष्ट्र में दिये बयान को "कुत्ते के भौंकने" की तरह बताया है. ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में कहा था कि अमेरिका उसे पूरी तरह बर्बाद कर देगा.

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Nordkorea Militärchef Ri Yong Ho
तस्वीर: AP

उत्तर कोरिया को खत्म करने की ट्रंप की धमकी पर उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री ने अपने एक बयान में कहा, "एक कहावत है कि कुत्ते भौंकते हैं और हाथी चलते रहते हैं." उत्तर कोरिया ने कहा कि वह अमेरिका की इस तरह की बातों से नहीं डरता है. री ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में पत्रकरों से बातचीत में कहा, "अगर वे इस तरह हमें डराने की कोशिश कर रहे हैं तो वे साफ तौर पर सपना देख रहे हैं".

योंग शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करेंगे और अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी है कि वह उस दिन अमेरिकी राष्ट्रपति और अपने मिसाइल परीक्षणों को लेकर क्या कहते हैं.

उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार परीक्षण के कार्यक्रमों की वजह से कोरियाई प्रायद्वीप में कई महीनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है. इस दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार उत्तर कोरिया को चेतावनी दी है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उस पर कई नए प्रतिबंध भी लगा दिए हैं. लेकिन उत्तर कोरिया पर कभी कोई असर देखने को नहीं मिला है और उसका परमाणु कार्यक्रम जारी है.

ट्रंप की धौंस

ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में कहा कि अगर अमेरिका या उसके सहयोगियों पर हमला किया गया, तो वाशिंगटन उत्तर कोरिया को "पूरी तरह से" नष्ट कर देगा. यह एक ऐसी स्थिति है जो जर्मनी और चीन सहित उत्तरी अमेरिका के बाकी सहयोगियों के बीच निराशा का कारण बना है. ट्रंप ने यह भी कहा, "रॉकेट मैन खुद और उसके शासन के लिए एक आत्मघाती मिशन पर है."

 

शांतिपूर्ण समाधान निकालने की कोशिश

हालांकि इस मुद्दे पर दोनों देशों के सहयोगी बार-बार शांतिपूर्ण समाधान निकालने की बात कह रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा लेने न्यूयॉर्क पहुंचे चीन के विदेशमंत्री वांग यी और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव ने भी सभी पक्षों से इस मुद्दे को बातचीत के जरिये हल करने की अपील की थी.

इस मसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर भी बातचीत की थी. दोनों नेता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के माध्यम से उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने भी इस बात पर जोर दिया है कि उत्तर कोरिया की समस्या को शांतिपूर्ण तरीके से निबटाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "मैं इस तरह की धमकियों के खिलाफ हूं. मैं अपनी और सरकार की तरफ से कहूंगी कि हम किसी तरह के सैन्य हल को पूरी तरह अनुचित मानते हैं और हमें राजनयिक कोशिशों से उम्मीद है. इसे पूरी तरह लागू करना होगा. मेरी राय में प्रतिबंध और उन्हें लागू करना सही कदम है. मैं मानती हूं, उत्तर कोरिया के खिलाफ इसके अलावा कुछ भी और गलत होगा. इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति से हमारे मतभेद हैं."

(एसएस/एएफपी, रॉयटर्स)