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उदारवादी पश्चिम की सारी उम्मीदें मैर्केल पर

साबीने किनकार्त्ज
१८ नवम्बर २०१६

अमेरिकी चुनावों में डॉनल्ड ट्रंप की जीत के बाद राष्ट्रपति ओबामा अपने आखिरी राजनीतिक मिशन पर हैं. और इसके लिये उन्हें अंगेला मैर्केल की जरूरत है.

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Deutschland | US-Präsident Obama wird von Bundeskanzlerin Merkel in Empfang genommen
तस्वीर: Reuters/F. Bensch

बराक ओबामा अंगेला मैर्केल को पसंद करते हैं. इससे भी ज्यादा, वह खुलकर उनकी सराहना करते हैं. अप्रैल में जर्मनी के दौरे पर आने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह साफ दिखाया. छह महीने बाद उन्होंने फिर इसकी तसदीक की. ओबामा ने कहा कि उन्होंने बीते साल में दुनिया भर की राजनीति देखी लेकिन इतना जमीन से जुड़ा और विश्वसनीय साझेदार नहीं देखा. ओबामा ने कहा कि जर्मन चांसलर उनकी साझेदार और मित्र हैं. ओबामा ने यह भी कहा, "जर्मन जनता को उनकी सराहना करनी चाहिए."

अमेरिकी अपने उत्साह के लिए जाने जाते हैं: उनके लिये चीजें बहुत जल्द, जबरदस्त और महान बन जाती है. लेकिन बराक ओबामा ऐसे महिमामंडन की ओर नहीं झुकते. हमें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि अगले राष्ट्रपति के रूप में डॉनल्ड ट्रंप की जीत के बाद न्यू यॉर्क टाइम्स ने अंगेला मैर्केल को "उदारवादी पश्चिम की आखिरी रक्षक" कहा था.

दक्षिणपंथी पॉपुलिज्म का असर

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साबीने किनकार्त्ज

अमेरिका में पासे फेंके जा चुके हैं. यूरोप में इन्हें 2017 में फेंका जाएगा. फ्रांस, नीदरलैंड्स और जर्मनी में चुनाव होंगे. इन तीनों देशों में दक्षिणपंथी पॉपुलिस्ट साफ तौर पर ऊपर की ओर बढ़ रहे हैं. मारीन ले पेन, गीर्ट विल्डेर्स और फ्रॉएके पेट्री ने ट्रंप की जीत की प्रशंसा की है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इस जश्न में शामिल हैं. अगले साल ब्रिटेन भी यूरोपीय संघ से औपचारिक रूप से अलग होगा. ब्रेक्जिट के कर्णधार निगेल फराज तो न्यू यॉर्क जाकर भावी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मिल भी चुके हैं.

क्या राजनीतिक भविष्य ऐसा ही होगा? क्या 2017 में पॉपुलिस्ट दुनिया पर राज करेंगे. ओबामा इसके लिए तैयार नहीं हैं. चुनाव के पहले उन्होंने भले ही ट्रंप को लेकर चेतावनी दी हो लेकिन अब वे ट्रंप को साथ लाना चाहते हैं. ताकत का ट्रांसफर बिना किसी मुश्किल के होना चाहिए. यह लोकतंत्र के नियमों में से एक है. ओबामा ने कहा कि यह मजबूत लोकतंत्र है.

क्या दुनिया को बचाएंगी मैर्केल?

लेकिन अपने दफ्तर और अपनी जिम्मेदारियों को ट्रंप को देने से पहले ओबामा आखिरी राजनीतिक मिशन पर निकले हुए दिखते हैं. वह उसे बचाना चाहते हैं जो बचाया जा सकता है. इसके लिए उन्हें मैर्केल की मदद की जरूरत है, वो भी वैश्विक स्तर पर ताकि नुकसान को कम किया जा सके. ओबामा उन्हें "अंतरराष्ट्रीय राजनीति का अहम खिलाड़ी" कह चुके हैं. मैर्केल जानती हैं कि पुतिन से कैसे निपटना है, शायद वह ट्रंप के सामने खड़ी होने वाली सही शख्सियत भी होंगी.

ओबामा द्वारा चांसलर की तारीफ करते समय हमें यह भी ध्यान में रखना होगा. वह मैर्केल का उत्साह बढ़ाना चाहते हैं, वे उन्हें 2017 का चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जर्मन जनता से मैर्केल की भूमिका की ज्यादा सराहना करने की अपील भी कर रहे हैं. वह जानते हैं कि बीते साल की रेटिंग में मैर्केल ने काफी कुछ खोया है, चांसलर के रूप में और अपनी पार्टी सीडीयू की नेता के रूप में. ओबामा के मुताबिक वह दूसरे देशों की नीतियों में दखल नहीं देंगे, लेकिन मजाक मजाक में उन्होंने कह दिया कि अगर वह जर्मन होते तो मैर्केल को वोट देते.

क्या करेंगी मैर्केल?

लेकिन अंगेला मैर्केल इस बारे में क्या सोचती है. चांसलर ऐसी महिला के रूप में जानी जाती हैं जो प्रशंसागीतों से मुग्ध नहीं होतीं. वह ऐसी तारीफों के सामने बहुत ही विनम्र हो जाती हैं. तारीफों का पुलिंदा भी बांध दिया जाए तो भी वह ज्यादा से ज्यादा हल्के से मुस्कुरा देती हैं.

ओबामा के प्रोत्साहन के साथ कई बंधन भी सामने हैं. 12 साल सत्ता में रहने के बाद क्या अंगेला मैर्केल के पास इतनी ताकत बची है कि वह उदारवादी पश्चिम की रक्षक बनीं रह सकें? क्या दुनिया भर के ट्रंपों, पेनों, एर्दोआनों और पुतिनों के खिलाफ खड़े होने की ताकत उनमें बची है? मैर्केल ने फिलहाल कोई आधिकारिक एलान नहीं किया है और चांसलर पद की दावेदारी का विकल्प खुला रखा है. लेकिन वह यह भी जानती है कि उनके पास फैसला लेने के लिए काफी कम वक्त बचा है.

(एक नजर ट्रंप की जीत के बाद अमेरिका छोड़ने वाले लोगोें पर)