उमर मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ेंगे: फारुख
१७ सितम्बर २०१०मौजूदा यूपीए सरकार में नवीनीकृत ऊर्जा मंत्री फारुख अब्दुल्लाह ने सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ हुई बातचीत का ब्योरा देने से इनकार कर दिया. अब्दुल्लाह ने इसे निजी बातचीत बताया.
हालांकि उन्होंने यह जाहिर कर दिया है कि कश्मीर की स्थिति पर कई हलकों में आलोचना झेल रहे उमर अब्दुल्लाह अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे. फारुख अब्दुल्लाह ने मीडिया को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि मीडिया ही हौव्वा खड़ी कर रही है और यह देश की त्रासदी है.
उमर अब्दुल्लाह के इस्तीफे की उठ रही मांगों पर फारुख अब्दुल्लाह ने कहा, "उमर की पद छोड़ने की कोई मंशा नहीं है. न ही ऐसे किसी कदम पर विचार किया जा रहा है. मीडिया चालें चल रहा है ताकि एक व्यक्ति पद छोड़ दे और उसका स्थान कोई दूसरा ले ले." अपनी बात को तर्कसंगत ठहराने के लिए उन्होंने पूर्व विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर का उदाहरण देते हुए कहा, "जब से शशि थरूर गए हैं तब से क्या आपने उनके बारे में कुछ सुना है. आप लोग सिर्फ यही करते हैं."
कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी अध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद सईद ने सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की है और दोनों पक्ष अपने रिश्तों में सुधार लाने की कोशिश कर रहे हैं. इस रिपोर्ट के बाद ही फारुख अब्दुल्लाह ने गुस्से में यह बयान दिया है.
अगस्त 2008 तक पीडीपी और कांग्रेस ने कश्मीर में साढ़े चार साल तक गठबंधन सरकार चलाई लेकिन अमरनाथ श्राइन बोर्ड को जमीन के हस्तांतरण के मुद्दे पर दोनों में दरार आ गई जिसके चलते गठबंधन टूट गया. कश्मीर घाटी में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे जाने के फैसले पर फारुख अब्दुल्लाह ने बताया कि यह एक सदभावना दौरा होगा और जो भी इस प्रतिनिधिमंडल से मिलना चाहेगा उसे मिलने की इजाजत होगी.
कश्मीर घाटी में तीन महीनों से जारी भारत विरोधी प्रदर्शनों में करीब 90 लोगों की मौत हो गई है लेकिन प्रदर्शनों में कमी आती नहीं दिख रही है. सेना को विशेषाधिकार देने वाले विवादित कानून पर सहमति नहीं बन पा रही है. बुधवार को सर्वदलीय बैठक में फैसला लिया गया कि भारत के संविधान के दायरे में कश्मीर के मुद्दे पर बात हो सकती है लेकिन पहले प्रदर्शनकारियों को हिंसा का रास्ता छोड़ना पड़ेगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: आभा एम