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उम्मीदें पनप रही हैं झुग्गियों में

Stefanie Duckstein१८ जून २०१४

डीपस्लूट का नाम दक्षिण अफ्रीका के लोग गरीबी, नाउम्मीदी और अपराध से जोड़ते हैं. लेकिन मुंबई के सबसे बड़े स्लम धारावी की तरह जोहानिसबर्ग के उत्तर में बसा यह इलाका भी ऐसे लोगों से भरा है जिनके बड़े बड़े सपने हैं.

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Townships in Südafrika
तस्वीर: DW/Thomas Hasel

डीपस्लूट में संगीत हवा में तैरती लगती है. यह जोहानिसबर्ग की बड़ी झुग्गियों में है. टिन की चादरों वाली झुग्गियों और लकड़ी के शेड के बीच एक छोटे से चौराहे पर 30 साल के सिमोन मारिंगा और उनका दोस्त सेल्बी माबासा एक गाने पर नाच रहे हैं. डीपस्लूट का गुणगान करता ये गाना उन्होंने खुद लिखा है. सिमोन का कहना है, "मुझे ये जगह पसंद है. यहां के लोगों को भी मेरी ही तरह संगीत से प्यार है." और उसका दोस्त सेल्बी मुस्कुराता हुआ कहता है, "हम यहां स्वर्ग में हैं."

सेल्बी डीजे है और सिमोन फिल्मकार. दोनों को डीपस्लूट की गरीबी के बावजूद वहां रहना पसंद है. इस अवैध कॉलनी में दो लाख लोग रहते हैं. असली आंकड़े कोई नहीं जानता क्योंकि हर दिन नए लोग आते हैं, कुछ दक्षिण अफ्रीका के गरीब इलाकों से तो कुछ जिम्बाब्वे जैसे पड़ोसी देशों से. 20 साल पहले यह बहुत छोटा था, लकड़ी के कुछ झोपड़े बस थे. लेकिन में यह तेजी से फैला. इस बीच वहां पक्के घर और कई स्कूल भी हैं. लेकिन ज्यादातर लोग छोटे झोपड़ों में ही रहते हैं, बिजली और पानी के बिना.

Townships in Südafrika
सिमोन मारिंगातस्वीर: DW/Thomas Hasel

लेराता मोनामा जोहानिसबर्ग के पॉश मोहल्ले के पास की झुग्गियों के आकर्षण की वजह बताते हैं, "डीपस्लूट में रहना बहुत किफायती है." 26 वर्षीय मोनामा 2003 में इस जगह आए. वे बताते हैं कि टाउनशिप के फर्स्ट डिस्ट्रिक्ट में रहने वालों को झोपड़ियों के लिए कोई किराया नहीं देना पड़ता और सड़क के किनारे की दुकानों में 10 रैंड में मांस मिल जाता है जो दो दिनों के लिए काफी होता है. वे दूसरे लोगों के साथ एक गैरसरकारी संस्था वॉशअप में सक्रिय हैं जो इलाके के लोगों के लिए सार्वजनिक शौचालय चलाता है. सरकारी संस्थाएं इन सुविधाओं के लिए कुछ नहीं कर रही थीं.

नस्लवाद का नतीजा

डीपस्लूट दक्षिण अफ्रीका में दशकों की रंगभेद नीति, मकान बनाने की उपेक्षा और गरीबी और अमीरी में बढ़ती खाई का नतीजा है. अभी भी ज्यादातर अश्वेत गरीब हैं. हालांकि नस्लवाद के खत्म होने के बाद लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार ने सब को मकान की गारंटी दी थी और इस बीच लाखों घर बनाए लेकिन किफायती मकानों की मांग अभी भी बहुत ज्यादा है. बहुत से दक्षिण अफ्रीकी डीपस्लूट का नाम गरीबी और हिंसा से जोड़ते हैं. हाल ही में वह बहुत से छोटे बच्चों के अपहरण और हत्या के बाद सारे देश में सुर्खियों में था.

Townships in Südafrika
नागरिक सुविधाओं का अभावतस्वीर: DW/Thomas Hasel

और सचमुच ड्रग कारोबार, बलात्कार और हमलों जैसे अपराधों को वहां के निवासी भी सबसे बड़ी समस्या मानते हैं. डीपस्लूट बिजनेस फोरम के प्रमुख एमजोलिसी एमबिकवाना कहते हैं, "डीपस्लूट नया इलाका है. यहां के बहुमत निवासी युवा हैं. बेरोजगारी बहुत ज्यादा है, जिसका नतीजा बच्चों और औरतों का यौन शोषण जैसे अपराध या एचआईवी और एड्स हैं."

कला से अपराध का सामना

डीपस्लूट के कारोबारी और सत्ताधारी अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के नेता एमजोलिसी एमबिकवाना का कहना है कि डीपस्लूट को शिक्षा, रोजगार और कारोबार की जरूरत है जो सभी वर्गों के लिए उपलब्ध हों, "मैं समझता हूं कि हमें सरकार से और मदद चाहिए ताकि उद्यम खोलने को बढ़ावा दिया जा सके और छोटी और मंझोली कंपनियां खुल सकें." उन्हें पता है कि यह रातों रात नहीं हो सकता और पूरी जिम्मेदारी सरकार पर भी नहीं छोड़ी जा सकती. अपना जीवन सुधारने की जिम्मेदारी लोगों को खुद उठानी होगी.

और लोग संगठित हो रहे हैं. खास कर नौजवानों को व्यस्त रखने के लिए नियमित रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं. 20 साला का सिह्ले सकाला डांस, म्यूजिक प्रतियोगिता के अलावा टैलेंट शो आयोजित करता है, "लोग यहां समझ रहे हैं कि नौजवानों को अपराध से दूर रखने के लिए कला कितनी जरूरी है." सिह्ले के साथ काम करने वालों में एक 19 वर्षीय टाटो है जो गाने लिखता है और संगीत देता है. चार साल की उम्र में डीपस्लूट आए टाटो का टाउनशिप छोड़ने का कोई इरादा नहीं, "अगर कुछ बदलना चाहते हो तो वहां शुरू करो जहां तुम रहते हो."

रिपोर्ट: थोमस हाजेल/एमजे

संपादन: ए जमाल