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उसके हौसलों पर रोडीज जजों ने घुटने टेके

२५ मार्च २०१६

जिंदगी में कुछ कहानियां आपके सामने से ऐसी गुजरती हैं जिन्हें देखकर लगता है कि सबकुछ होने के बाद भी हम क्यों शिकायत करते हैं.

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Indien - Opfer von Säureangriffen
तस्वीर: DW/S. Waheed

उनके सामने ऐसा कोई प्रतिभागी पहले कभी नहीं आया था. एसिड अटैक झेल चुकी नसरीन की कहानी सुन उन्होंने उसे जज की कुर्सी सौंप दी. एमटीवी रोडीज के ऑडिशन के लिए ऐसी ही एक महिला जब आई तो उसके जवाबों ने जजों को हैरान कर दिया. उसका खुशमिजाज स्वभाव और लंबी लड़ाई पार करने के बाद भी थकान का एहसास ना जाहिर करना, किसी को भी स्तब्ध कर सकता है. उन्हें सुनने के बाद कार्यक्रम के जज रणविजय सिंह, नेहा धूपिया, करण कुंदरा और प्रिंस नरूला कुछ कहने की हालत में नहीं दिख रहे थे. आखिरकार उन्होंने नसरीन की हिम्मत को सलाम करते हुए कहा कि वे इस काबिल नहीं कि उसे जज कर सकें, बल्कि उल्टा नसरीन को उन्हें जज करना चाहिए.

नसरीन ने बताया कि 10 साल तकलीफदेह शादीशुदा जीवन बिताने के बाद जब उन्होंने अपने पति से तलाक लिया तो उनके पति ने उनकी बेटियों के सामने उन पर एसिड उड़ेल दिया. नसरीन के अपने परिवार ने भी उनका साथ नहीं दिया. जली हालत में वह बहते-रिसते जख्मों के साथ खंडहर में रही. वहां से मुहल्ले वालों से चंदा जमाकर वह अपना इलाज करवाती रही. उसने अकेले अस्पताल जाकर 8 सर्जरियां भी करवाईं. कभी जख्म से निकलने वाला पस बिस्तर में फैल जाता था तो कभी घावों पर चीटियां लिपट जाती थीं. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. अपनी कहानी पर जजों की प्रतिक्रिया देख वह कहती हैं कि उन्हें अच्छा लगता है जब कोई उन्हें सुनता है, वरना पहले तो कोई सुनता भी नहीं था. नसरीन मुस्कुराते हुए कहती हैं, "मैं टूटी बहुत हूं, हारी नहीं हूं. और हारूंगी भी नहीं"

एसएफ/आरपी