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एक पुलिसकर्मी का शव मिला, अभियान तेज

३ सितम्बर २०१०

बिहार सैन्य पुलिस के हवलदार लुकास टेटे का गोलियों से छलनी शव लखीसराय से मिला है. सुरक्षा बलों ने अगवा किए गए बाकी तीन पुलिसकर्मियों की रिहाई के लिए अभियान तेज किया. इन तीनों को भी मार देने की माओवादियों की समयसीमा गुजरी.

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तस्वीर: AP

लखीसराय के एसपी रंजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि जिले के कजरा पुलिस थाने के तहत आने वाले सिमरा तारी श्रींगिऋशी बांध के पास यह शव मिला है. इस व्यक्ति की पहचान लुकास टेटे के रूप में हुई जो माओवादियों की कैद में मौजूद चार पुलिसकर्मियों में से एक हैं. मिश्रा ने बताया कि टेटे का शव पहाड़ियों के घिरे जंगल के इलाके में सड़क पर खून से लथपथ पाया गया.

शव के पास एक पर्चा भी मिला है जिसमें माओवादियों ने हवलदार को मारने की जिम्मेदारी ली है और अगवा तीन अन्य पुलिसकर्मियों का भी यह अंजाम होने की धमकी दी है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक माओवादी अपने साथियों की जेल से रिहाई चाहते हैं.

माओवादियों की तरफ से दी गई गुरुवार शाम चार बजे तक की समयसीमा का जब सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया तो माओवादियों के स्वघोषित प्रवक्ता अविनाश ने सब इंस्पेक्टर अभय यादव को मारने का दावा किया. लेकिन न तो अभय का शव मिला है और न ही इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि हुई. गुरुवार की समयसीमा खत्म होने के बाद माओवादियों ने राज्य सरकार को शुक्रवार सुबह 10 बजे तक की नई डेडलाइन दी, जो बीत चुकी है.

Paramilitärische Kräfte bei der Suche nach Maoisten in den Wäldern von Betla
अभियान तेज़ किया गयातस्वीर: UNI

उधर सुरक्षा बलों ने बाकी तीनों पुलिसकर्मियों को रिहा कराने के लिए अभियान तेज कर दिया है. नक्सल विरोधी अभियान के महानिरीक्षक केएस द्विवेदी ने कहा, "सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन, बीएमपी, एसटीएफ और बिहार पुलिस की एसएपी ने तीनों पुलिसकर्मियों को बचाने और माओवादियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है." बीएसएफ के हेलीकॉप्टर भी इस अभियान में जुटे हुए हैं और पहाड़ी इलाके में नक्सलियों को ढूंढने में मदद कर रहे हैं.

इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपने निवास पर अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है. वह माओवादियों के सामने बातचीत की पेशकश भी रख चुके हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि जो माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं उनका ठीक से ध्यान रखा जा रहा है. उम्मीद है कि माओवादी भी अगवा पुलिसकर्मियों के साथ इसी तरह का बर्ताव करें.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम

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