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एक लाख करोड़ की परियोजनाएं, भारत को चाहिए जर्मनी का साथ

१७ अक्टूबर २०१६

भारत बुनियादी ढांचे से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं में जर्मनी का साथ चाहता है. इसमें सभी बंदरगाहों को रेल नेटवर्क से जोड़ने की एक लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं भी शामिल हैं.

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Indien Chennai-Rameswaram Route
तस्वीर: picture-alliance/Tuul/robertharding

भारत दौरे पर गए जर्मन परिवहन मंत्री एलेक्जेंडर डोब्रिंट के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दिनों भारतीय सड़क परिवहन मंत्री के साथ एक बैठक में विस्तार से चर्चा की. इसमें बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित कई अहम मुद्दों पर बात हुई.

गडकरी ने कहा, "हमने इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में जर्मनी से सहयोग मांगा है. इसमें हमारी एक लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं के तहत सभी बंदरगाहों को रेल नेटवर्क से जोड़ना भी शामिल है.”

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इंडियन रेल पोर्ट कोरपोरेशन लिमिटेड (आईपीआरसीएल) और जर्मन रेल कंपनी डॉयचे बान के बीच इसी साल रेल पोर्ट कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाने के बारे में समझौता हुआ था. गडकरी ने कहा, "हमारी बैठक बहुत अच्छी रही और हमारा सहयोग गहरा होगा.”

सरकार के अनुसार कुल मिलाकर 22 परियोजनाएं हैं जिनमें 10 परियोजनाएं 2017-18 के दौरान पूरी होनी हैं जबकि सात अन्य 2018-19 के दौरान. पांच अन्य परियोजनाएं अभी सर्वे और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट या भूमि अधिगृहण के स्तर पर हैं.

बंदरगाहों से सामान की ढुलाई बेहतर बनाने और उस पर आने वाली लागत को कम करने के लिए बंदरगाहों को रेल नेटवर्क से जोड़ा जाना जरूरी है. इसी दिशा में काम करने के लिए इंडियन पोर्ट रेल कॉरपोरेशन का गठन किया गया है.

एके/वीके (पीटीआई)

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