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एनपीटी और सीटीबीटी में आएं भारत पाकः यूएन

२६ मई २०१०

संयुक्त राष्ट्र ने भारत, पाकिस्तान और इस्राएल से सीटीबीटी और एनपीटी में शामिल होने को कहा है. परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) की समीक्षा बैठक के पहले मसौदे में पहली बार इन तीन देशों के नाम के नाम लिए गए हैं.

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हर पांच साल में होती है यूनएन की परमाणु समीक्षा बैठकतस्वीर: AP

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) की समीक्षा बैठक के अंतिम मसौदे में कहा गया है कि तीनों देशों को बिना शर्त और गैर परमाणु हथियार संपन्न देशों के तौर पर इस अंतरराष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर कर देने चाहिए. साथ ही वे यह अंतरराष्ट्रीय कानूनी बाध्यता भी स्वीकार करें कि परमाणु हथियार या अन्य परमाणु विस्फोटक हासिल नहीं करेंगे. तीनों ही देशों से सीटीबीटी (व्यापक परमाणु परीक्षण निषेध संधि) पर हस्ताक्षर करने को कहा है. मसौदे में भारत और पाकिस्तान से परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंध लगाने के लिए भी कहा गया है.

हर पांच साल बाद यह एनपीटी समीक्षा सम्मेलन होता है ताकि परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने की दिशा में हुई प्रगति का मूल्यांकन किया जा सके. 1970 में परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के लक्ष्य के साथ यह संधि अस्तित्व में आई. इस साल यह बैठक 3 मई को शुरू हुई और 28 मई तक चलेगी. भारत, पाकिस्तान और इस्राएल ने अब तक न तो इस संधि पर हस्ताक्षर किए हैं और न ही सम्मेलन में हिस्सा लिया है. इससे पहले 2005 में हुआ सम्मेलन बिना किसी ठोस नतीजे के खत्म हो गया था जिसे एक नाकामी माना गया.

एक पश्चिमी राजनयिक का कहना है कि कई देश मानते हैं कि भारत और पाकिस्तान संधि पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, इसलिए उन पर लगाम कसने के लिए कोई और रास्ता निकाला जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही नाज़ुक मुद्दा है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र यही चाहता है कि सभी देश एक साथ एक ही मंच पर आ सकें.

उधर कई जानकारों का मानना है कि सम्मलेन ख़त्म होने तक जब मसौदा अंतिम रूप लेगा तो स्पष्ट तौर पर देशों के नाम उससे हटा लिए जाएंगे और इसकी जगह दुनिया भर में परमाणु अप्रसार संधि को अपनाए जाने के बारे में एक अपील की जा सकती है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादनः ए कुमार