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एलोपैथी की शरण में बाबा रामदेव

७ दिसम्बर २०१०

दुनिया भर को योग से स्वस्थ रहने की नसीहतें देने वाले योग गुरु बाबा रामदेव को भी अपने दिल की जांच के लिए एलोपैथिक तकनीक की जरूरत पड़ गई. उन्होंने अपने दिल की जांच चुपचाप लखनऊ के सबसे अत्याधुनिक निजी अस्पताल में कराई.

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लखनऊ में कराई दिल की जांचतस्वीर: DW

अस्पताल सूत्र कहते हैं कि उनके दिल की सीटी एंजियोग्राफी की गई और इस जांच में रामदेव का दिल दुरुस्त पाया गया. लेकिन दिल के कई डॉक्टर कहते हैं कि सीटी एंजियोग्राफी तभी कराई जाती है जब प्रारंभिक जांच ईसीजी या इको में कोई गड़बड़ी पाई जाती है. पिछले गुरुवार रात करीब बारह बजे के बाद अस्पताल का रेडियोलॉजी विभाग खोला गया और रामदेव के दिल की सीटी एंजियोग्राफी हुई. उनकी सीटी एंजियोग्राफी करने वाले डॉ सोनकर अगले दिन ही अमेरिका चले गए.

राजनीतिक इरादे

हरिद्वार में दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक और पतंजलि योगपीठ के सर्वेसर्वा रामकिशन यादव उर्फ रामदेव इन दिनों भारत स्वाभिमान यात्रा पर हैं. वह जगह जगह योग शिविर लगा कर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं. सभी के लिए मतदान अनिवार्य करने तथा हजार और पांच सौ के नोटों को छापने पर प्रतिबंध लगाने की मांग के साथ ही रामदेव की मांग है कि स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा भारत के एक-डेढ़ ट्रिलियन धन को वापस लाने के लिए भारत सरकार सख्त कदम उठाए.

Flash-Galerie Yoga-Unterricht
दुनिया भर में तैयार हो गया है योग का बाजारतस्वीर: Susanne Hiepel

रामदेव भारत को योग आधारित देश बनाने और विदेशी कंपनियों के भारत में व्यापार के विरोधी हैं. उनका लक्ष्य अगले लोकसभा चुनाव की सभी 545 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का है. फिलहाल भारत स्वाभिमान आंदोलन के तहत वह हर जिले में 7 से 10 लाख सदस्य अपनी उस पार्टी के लिए बना रहे हैं जिसकी अभी उन्होंने घोषणा नहीं की है. इसी यात्रा के दौरान ही उन्हें अपने दिल की जांच की जरूरत पड़ गई.

चुपचाप हुआ सब कुछ

रामदेव रात करीब बारह बजे के आसपास गोमतीनगर के एक निजी अस्पताल पहुंचे. डॉ.सोनकर ने उनके दिल की जांच के लिए सीटी एंजियोग्राफी की. करीब एक घंटे की जांच के बाद रामदेव अस्पताल से चले गए और अगले दिन बरेली में उन्होंने योग शिविर लगाया और लोगों को स्वस्थ रहने के गुर सिखाए.

अस्पताल के एक डॉक्टर ने अपना नाम न छापने की शर्त पर स्वीकार किया कि योग गुरु के दिल की जांच हुई है. हालांकि वह यह भी कहते हैं कि इस तरह की जांच कई लोग एहतियातन कराते रहते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि योग गुरु को कोई बीमारी नहीं निकली.

आम तौर पर दिल की किसी भी तरह की परेशानी के लिए प्रारंभिक जांच ईसीजी कराई जाती है. सीटी एंजियोग्राफी तभी कराई जाती है जब ईसीजी में गड़बड़ी पाई जाती है. अस्पताल का कोई भी कर्मचारी इस मामले में मुंह खोलने को तैयार नहीं है.
रिपोर्टः सुहेल वहीद, लखनऊ

रिपोर्टः ए कुमार

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