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एशिया में खिंचते फुटबॉलर

३१ जुलाई २०१३

अपनी लोकप्रियता भुनाने और पैसों की चाह में इंग्लिश प्रीमियर लीग फुटबॉल के खिलाड़ी एशिया का रुख तो कर रहे हैं लेकिन कई बार उन्हें इसकी कीमत चोटिल होकर चुकानी पड़ रही है.

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तस्वीर: Reuters

कम से कम दो बड़े खिलाड़ी स्पर्स के यान फेरटॉनगेन और मैनचेस्टर युनाइटेड के मातिया नस्तासिक का ऐसा ही हाल हुआ, जिसमें वे दोस्ताना मैचों के दौरान घायल हो गए. नतीजा यह हुआ कि इंग्लिश लीग के शुरुआती मैचों में उनके खेलने पर संदेह पैदा हो गया है.

मैनचेस्टर यूनाइटेड के ही वेन रूनी की मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से उन्हें 24 घंटे तक बैंकॉक में रुकना पड़ा. इसके बाद उन्हें फौरन आराम करने के लिए इंग्लैंड भेजा गया. कम से कम उम्मीद है कि सीजन शुरू होने के वक्त वह टीम का हिस्सा होंगे.

क्लबों के लिए एशिया का दौरा काफी पैसा जुटाने का जरिया बनता जा रहा है. टेलीविजन अधिकार और प्रायोजकों से भारी भरकम रकम मिल रही है, चाहे मैच दोस्ताना ही क्यों न हो.

क्लबों के सितारा खिलाड़ी इस दौरान कई कंपनियों का प्रचार करते हैं और लाइव कार्यक्रमों में उनकी खासी मांग रहती है. इसकी वजह से उन पर दबाव काफी बढ़ जाता है. स्पर्स के मैनेजर आंद्रे विलास-बोआस ने तो खुलेआम अपनी बात कह दी, जब फेरटॉनगेन को हांगकांग में टखने में चोट लगी. फेरटॉनगेन टीम के प्रमुख डिफेंडर हैं.

Bildergalerie Sportler aus Afrika - Didier Drogba
एक साल चीन में खेल कर लौटे ड्रोग्बातस्वीर: AFP/Getty Images

उनकी टीम ने स्थानीय टीम को 6-0 से पीट दिया और कोच को कम से कम इस बात की खुशी है कि उनके खिलाड़ी की जरूरत इसके बाद नहीं थी. इसके कुछ ही घंटे बाद मैनचेस्टर यूनाइटेड के मैनेजर मानुएल पेलिग्रिनी को भी ऐसा ही अनुभव हुआ, जब उनके सेंटर हाफ नस्तासिक घायल हो गए. जिस स्टेडियम में मैच हो रहा था, वहां लंबी बारिश की वजह से फिसलन हो गई थी, जिसमें वह फिसल गए.

मैनचेस्टर यूनाइटेड ने थाइलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान और हांगकांग का महत्वाकांक्षी दौरा किया है, जिसमें उन्होंने सिर्फ 17 दिन के अंदर पांच मैच खेले. उनके मैनेजर डेविड मोयेस का कहना है कि इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि इस दौरान अहम खिलाड़ी चोटिल हो सकते हैं, "अगर आप तीन हफ्तों के लिए दूर हैं और जल्दी जल्दी मैच खेल रहे हैं और आपको लगातार सफर करना है, तो इस तरह का खतरा रहता है."

आर्सेनल की टीम ने भी वियतनाम, जापान और इंडोनेशिया का दौरा किया. मैनेजर आर्सेन वेंगर का कहना है कि अगर तापमान 32 डिग्री हो तो 13 दिन में चार मैच खेलना बहुत होता है, "हम लोगों ने अपनी तैयारी की थी. अब यह निर्भर करता है कि हम कितने दिनों में उस दौरे की स्थिति से बाहर निकल सकते हैं."

इंग्लैंड के फुटबॉल स्ट्राइकर जर्मेन डिफोय ने दक्षिणी चीन के दौरे में हैट ट्रिक जमाई है. उनका भी मानना है कि ऐसी गर्मी में दुनिया के दूसरे हिस्से में खेलना बहुत मुश्किल है, "बहुत से खिलाड़ी सच्चाई से दूर भागते हैं. आप को समय के अंतर का ख्याल रखना है और इस बात का भी कि दिन में दो बार ट्रेनिंग करनी होती है."

एजेए/एमजी (एएफपी)

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