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एशिया में मिसाइल रोधी सिस्टम तैनाती की होड़

८ फ़रवरी २०१६

उत्तर कोरिया ने अंतरराष्ट्रीय चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए लंबी दूरी का रॉकेट परीक्षण किया है. दुनिया भर में इसकी आलोचना हुई है. इस कदम से एशिया में रॉकेट रोधी प्रणालियों की तैनाती की होड़ शुरू होने का अंदेशा है.

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Nordkorea Start von Langstreckenrakete
तस्वीर: Reuters/Yonhap

उत्तर कोरिया ने रविवार को रॉकेट परीक्षण को पूरी तरह कामयाब बताते हुए कहा कि अब उपग्रह क्वांगमियोंगसोंग 4 हर 94 मिनट पर धरती की परिक्रमा कर रहा है. अमेरिकी सेना ने उपग्रह के अंतरिक्ष में पहुंचने की पुष्टि की है. अब इस बात की आशंका है कि उत्तर कोरिया अपने रॉकेटों से दक्षिण कोरिया और जापान के अलावा अमेरिका के पूर्वी तट को भी निशाने पर ले सकता है. इसके विपरीत प्योंगयोंग की सरकार एक वैध अंतरिक्ष कार्यक्रम की बात कर रही है.

सर्वत्र आलोचना

दुनिया भर के नेताओं ने उत्तर कोरिया के रॉकेट परीक्षण की निंदा की है. दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्यून हाय ने इसे माफ ना किया जा सकने वाला उकसावा बताया है तो जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इसे खासकर परमाणु परीक्षण के बाद पूरी तरह अस्वीकार्य बताया है. अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा है कि उत्तर कोरिया को इसके लिए सजा दी जानी चाहिए तो संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने उत्तर कोरिया से उकसावे का बर्ताव छोड़ने की अपील की है. उत्तर कोरिया के एकमात्र साथी चीन के विदेश मंत्रालय ने इसे अफसोसजनक कार्रवाई बताया.

Nordkorea Start von Langstreckenrakete
तस्वीर: Reuters/Yonhap

जर्मन विदेश मंत्री फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने भी उत्तर कोरिया के रॉकेट परीक्षण की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा, "रॉकेट का प्रक्षेपण गैरजिम्मेदाराना उकसावा है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बाध्यकारी प्रस्तावों का हनन है और क्षेत्रीय सुरक्षा को एक बार दाव पर लगाता है." जर्मन विदेश मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दी गई ये खुली चुनौती बेनतीजा नहीं रहनी चाहिए. जर्मनी ने 6 जनवरी को उत्तर कोरिया द्वारा हाइड्रोजन बम के परीक्षण के बाद भी सुरक्षा परिषद की भागीदारी के साथ सख्त अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की वकालत की थी.

हथियार होड़

उत्तर कोरिया के हालिया परीक्षण के बाद एशिया में अमेरिकी मिलाइल रोधी प्रणालियों की तैनाती की होड़ शुरू हो सकती है. खतरा इस बात का है कि इससे चीन-अमेरिकी संबंधों के अलावा दक्षिण कोरिया और चीन के संबंधों में भी तल्खी आ सकती है. उत्तर कोरिया का कहना है कि उसने रविवार को अपना उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा है, लेकिन अमेरिका और उसके साथी इसमें प्योंगयोंग द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक का विकास देखते है जिसका इस्तेमाल परमाणु हमलों के लिए किया जा सकता है. अमेरिका ने दक्षिण कोरिया और जापान को उनकी सुरक्षा करने की प्रतिबद्धता फिर से दोहराई है.

अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने कहा है कि वे कुशल हाई एल्टिच्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम थाड की कोरिया प्रायद्वीप पर तैनाती के बारे में जल्द ही औपचारिक बातचीत शुरू करेंगे. अब तक दक्षिण कोरिया अपने सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार चीन की नाराजगी के डर से इस पर खुलेआम बातचीत करने से झिझकता रहा है. चीन इस समय विवादित दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप बनाने के विरोध के कारण अमेरिका पर नाराज है. उसने वाशिंगटन और सोल दोनों को ही साफ कर दिया है कि चीन किसी ऐसे सिस्टम की तैनाती का विरोध करता है जिसके रडार उसके क्षेत्र पर नजर रख सकते हों.

तैनाती का मौका

पिछले महीने परमाणु परीक्षण के बाद अब उत्तर कोरिया का रॉकेट प्रक्षेपण इस मामले में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. दक्षिण कोरिया की सरकार अब मिसाइल रोधी सिस्टम की तैनाती के लिए राजनैतिक संस्थान के एक हिस्से का समर्थन जीत सकती है. दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने कहा है कि यदि थाड की तैनाती होती है तो वह उसका लक्ष्य पूरी तरह उत्तर कोरिया ही होगा. लेकिन चीन को इस आश्वासन पर कतई भरोसा नहीं है. चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक संपादकीय में लिखा है, "सैनिक विशेषज्ञों के बीच यह माना जाता है कि यदि थाड तैनात किया जाता है तो चीनी मिसाइल निगरानी के लक्ष्यों में शामिल होंगे, जो चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालेगा."

एमजे/आरआर (रॉयटर्स)