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ऑफर सिर्फ एक बार के लिएः ईरान

८ जून २०१०

ईरान ने धमकी दी है कि अगर उस पर चौथे दौर का प्रतिबंध लगाया गया, तो वह अपने परमाणु कार्यक्रम पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बात नहीं करेगा. अहमदीनेजाद ने अपने पुराने साथी रूस से भी साफ शब्दों में चेतावनी दी.

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तस्वीर: AP

पल में तोला, पल में माशा. महमूद अहमदीनेजाद की यह आदत भी है, मजबूरी भी. कुछ हफ्ते पहले परमाणु कार्यक्रम पर दरवाजे खोल देने वाले ईरानी राष्ट्रपति फिर सख्त हो गए हैं. उन्होंने बिना लाग लपेट के कह दिया कि परमाणु कार्यक्रम पर उन्होंने जो ऑफर दिया है, वह सिर्फ एक बार का ऑफर है और यह दोबारा नहीं मिलेगा.

अमेरिका सहित पश्चिमी देशों का आरोप है कि ईरान परमाणु कार्यक्रम की आड़ में ऐटोमिक हथियार बना रहा है. ईरान इससे इनकार करता है और बीच का रास्ता निकालने के लिए तुर्की और ब्राजील की पहल पर उसने अपने यूरेनियम का संवर्धन दूसरे देश में कराने पर सहमति जता दी थी ताकि विवाद खत्म हो जाएं. जानकारों का कहना है कि ईरान के इस रवैये और तुर्की और ब्राजील की पहली ही कोशिश में कामयाबी अमेरिका और पश्चिमी देश बर्दाश्त नहीं कर पाए और ईरान के इस कदम को ऊंट के मुंह में जीरा करार दिया.

Uranumwandlungsanlage in Isfahan inspiziert
तस्वीर: picture-alliance/dpa

तुर्की के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने इस्तांबुल पहुंचे अहमदीनेजाद बार बार पश्चिम को आगाह कर रहे थे. इसी हफ्ते संयुक्त राष्ट्र ईरान पर चौथे दौर की पाबंदी लगाए जाने की योजना बना रहा है. ईरान का कहना है कि इससे जो खाई पटी है, वह फिर बन जाएगी. इस्तांबुल में रूस के प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन भी पहुंचे हैं. अहमदीनेजाद ने रूस को आगाह किया कि उसे ईरान के दुश्मनों का साथ नहीं देना चाहिए.

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के खिलाफ जो प्रतिबंध लगाए जाने का ड्राफ्ट बन रहा है, उससे रूस भी सहमत है. हालांकि उसका कहना है कि पाबंदी हद से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. रूस समझता है कि मामला ऐसी जगह नहीं पहुंचना चाहिए, जहां ईरान की जनता और सरकार खुद को फंसा हुआ महसूस करे.

रूस और ईरान अच्छे सहयोगी माने जाते हैं. लेकिन ईरान पर पाबंदी के मामले में रूस ने बहुत हद पश्चिमी देशों का साथ दिया है. हालांकि तुर्की और ब्राजील भी संयुक्त राष्ट्र के 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद के सदस्य हैं और वे अपनी कामयाबी के बीच इस पाबंदी को इतनी आसानी से पास नहीं कराने देना चाहेंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः उ भट्टाचार्य