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ऑस्कर से नहीं मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान

२६ अक्टूबर २०१०

पत्रकार और फिल्म निर्देशक अनुषा रिजवी ने अपने फिल्म पीपली लीइव के ऑस्कर में नामांकित होने को लेकर कहा कि ऑस्कर किसी भी अमेरिकी पुरस्कार जैसा है.

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तस्वीर: AP

मुंबई फिल्म महोत्सव में रिजवी 'फिल्मों और मीडिया के बीच प्रेम और नफरत के संबंध' पर एक बहस में हिस्सा लेने पहुंची थीं. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ऑस्कर्स में भारत से नामांकित पीपली लाइव हजारों विदेशी फिल्मों में से है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान केवल बर्लिन फिल्म महोत्सव या इस तरह के आयोजनों में ही हो सकता है. उन्होंने कहा कि वे नामांकन से पहले अमेरिका जाने की योजना नहीं बना रही हैं, "अगर ज़रूरी हुआ तो मैं जाऊंगी. लेकिन मुझे नहीं लगता कि निर्देशकों और फिल्म निर्माताओं को ऑस्कर कमेटी के सामने पेश होना पड़ता है." .

आमिर खान के साथ फिल्म की मार्केटिंग और प्रोमोशन को लेकर मदभेद के बारे में रिज़वी ने कुछ भी कहने से मना कर दिया. उन्होंने कहा, "आमिर के साथ मेरी असहमति से ज्यादा मैं चाहूंगी कि मेरी फिल्म को सही नज़रिए से देखा जाए और उसकी कहानी पर बहस हो. पीपली लाइव राजनीतिक मुद्दे पर एक गंभीर फिल्म है लेकिन ट्रेलरों में इसे एक हल्की कॉमेडी के रूप में पेश किया गया है."

मुंबई महोत्सव में बात कर रही फिल्म विश्लेषक इंदु मिरानी ने कहा कि फिल्म को आमीर खान की वजह से काफी प्रचार मिला. उन्होंने कहा, "उन्होंने(आमीर) फिल्म को बड़ा बना दिया और चूंकि फिल्म अच्छी थी, इसे अच्छी तरह स्वीकार भी किया गया." हालांकि रिजवी का कहना है कि केवल प्रचार के लिए वह फिल्म को गलत तरीके से पेश नहीं करना चाहेंगी. पीपली लाइव किसानों की आत्महत्या, अवसरवादी नेताओं और किसान परिवारों के मुद्दे पर एक व्यंग्य है.

रिपोर्टःपीटीआई/एमजी

संपादनः आभा एम

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