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ऑस्ट्रेलियाई धावक पियरसन से पदक वापस लिया

८ अक्टूबर २०१०

ऑस्ट्रेलिया की सैली पियरसन 100 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल तो जीत गईं लेकिन उसका स्वर्ण पदक वापिस ले लिया गया. सैली ने कहा कि वह स्तब्ध हैं.

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सैली पियर्सन निराशतस्वीर: AP

अधिकारियों का कहना है कि सैली ने दौड़ गलत शुरू की. गुरुवार को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में हुए फाइनल में सैली पियरसन सबसे पहले 11.28 सेंकड में दौड़ पूरी कर चुकी थीं लेकिन उन्हें रिजल्ट के लिए तीन घंटे इंतजार करना पड़ा. लेकिन फिर उनका पदक ले ही लिया गया.

इससे नाइजीरिया की ओसायेमी ओलुदामोला (11.32) पहले नंबर पर आ गईं. 11.37 सेंकड में दौड़ पूरी करने वाली नताशा मायरे को दूसरा स्थान मिला. इंग्लैंड की कैथरीन एंडातकॉट को तीसरा स्थान मिला. इलेक्ट्रॉनिक टाइमिंग सिस्टम ने दिखाया कि इंग्लैंड की लॉरा टर्नर पहली धावक रहीं जो बंदूक चलते ही कूद पड़ीं. पियरसन का .0071 का रिएक्शन टाइम बताता कि तकनीकी तौर पर उन्होंने भी गलत शुरुआत की.

इंग्लैंड ने विरोध करते हुए कहा कि पियरसन ने भी गलत स्टार्ट किया है. ऑस्ट्रेलिया ने अपील की लेकिन कोई काम नहीं आई. इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया का 100 मीटर में जीतने का सपना भी अधूरा ही रह गया. पिछले 36 साल से ऑस्ट्रेलिया सौ मीटर की दौड़ में नहीं जीत पाया है.

पियरसन ने कहा, "मैं स्तब्ध हूं. मुझे बिलकुल समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या महसूस कर रही हूं. मैं हताश तो हूं ही. मेरे हिसाब से काम नहीं हुआ, मुझे ये समझना होगा. मैं अपनी भावनाएं, गुस्सा, निराशा का इस्तेमाल करूंगी. उम्मीद करती हूं कि मैं उबर जाऊंगी."

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह खेल में प्रतियोगी और खिलाड़ी के तौर पर हैं. उन्होंने कहा कि मेडल वापस ले लेने का दुख तो होता ही है लेकिन उनका काम दौड़ना है और यह खेल ही ऐसा है.

कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के अध्यक्ष माइक फनेल ने माना कि स्थिति पर ठीक से प्रतिक्रिया नहीं दी गई. ऑस्ट्रेलियाई टीम के मैनेजर एरिक होलिंग्सवर्थ ने कहा कि यह धक्का सिर्फ पियरसन को ही नहीं पूरे देश को लगा. लेकिन इंग्लिश खिलाड़ी की प्रतिक्रिया पर ज्यूरी ने फैसला दिया जो कि गलत है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः वी कुमार