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"ऑस्ट्रेलिया में आईएस का संकेत नहीं"

इंटरव्यू: गाब्रिएल डोमिंगेज/एए१६ दिसम्बर २०१४

सिडनी कैफे में बंधक बनाने वाले बंदूकधारी और आतंकी समूह के बीच अब तक रिश्तों का कोई सबूत नहीं मिला है. रॉजर शानन चेतावनी दे रहे हैं कि इस्लामवादियों के सोशल मीडिया का इस्तेमाल ऑस्ट्रेलिया में मुस्लिम युवा को खींच रहा है.

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तस्वीर: Getty Images/M. Metcalfe

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट ने बंदूकधारी का जिक्र करते हुए कहा कि "अपराधी का हिंसक अपराध का लंबा इतिहास है. चरमपंथ और मानसिक अस्थिरता के साथ उसका मोह था." 50 साल का मन हारून मोनिस मंगलवार तड़के पुलिस कार्रवाई में मारा गया. पुलिस ने बंधक बने 17 लोगों को तो बचा लिया गया लेकिन दो बेगुनाहों की मौत हो गई. पीएम एबट कहते हैं कि मोनिस बहुत विक्षुब्ध शख्स था जो अपने आपको इस्लामिक स्टेट समूह से जोड़ना चाहता था.

डॉयचे वेले के साथ इंटरव्यू में सिडनी स्थित अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर विशेषज्ञ रॉजर शानन ऑस्ट्रेलिया में युवा मुसलमानों के लिए खतरा बने इस्लामी प्रचार के बारे में बात करते हैं और कहते हैं कि किसी व्यक्ति के लिए सीमित योजना के साथ कितना आसान है एक ऐसे बड़े शहर को नुकसान पहुंचाना जिस देश में सख्त बंदूक कानून है.

डीडब्ल्यू: कैफे पर पुलिस कार्रवाई में दो बंधक और बंदूकधाकरी मारे गए. क्या ऐसे कोई संकेत हैं कि बंदूकधारी और किसी इस्लामी या आतंकी समूह के बीच में संबंध है?

रॉजर शाननः कोई स्पष्ट कड़ी नहीं है. जिस शख्स के बारे में बात हो रही है वह अफगानिस्तान में मारे गए सैनिकों के परिवारों को धमकी भरे खत लिखने का दोषी था और वह अंतिम अपील हार चुका था. दस साल पुराने यौन उत्पीड़न के मामले में वह आरोपी था और जमानत पर जेल से छूटा था. उस पर अपनी पहली पत्नी की हत्या में मदद करने का भी आरोप है. वह मूल रूप से ईरान से था, वह खुद को स्वयंभू आध्यात्मिक गुरु मानता था. उसके बाद उसने खुद को स्वयंभू धर्मगुरु घोषित कर दिया. कुछ महीने पहले उसने एलान किया कि उसने सुन्नी पंथ अपना लिया है. इस स्तर पर उसका आतंकी समूह से कोई रिश्ता नहीं था.

बंदूकधारी के इरादों के बारे में कोई सूचना है?

पिछले हफ्ते अपील हारने के बाद यह घटना प्रतिक्रिया के तौर पर अंजाम दी गई हो सकती है और कैफे वाली जगह शहर के बीचों बीच है. वह ऑस्ट्रेलिया के एक टीवी चैनल के सामने है. उसने दावा किया था कि उसने सुन्नी पंथ को कबूल कर लिया है और कैफे में बंधक बनाने के पहले उसने आईएसआईएल के समर्थन वाला एक बयान भी अरबी में पोस्ट किया था.

Rodger Shanahan Experte Lowy Institute for International Policy
सिडनी में स्थित विश्लेषक रॉजर शाननतस्वीर: Lowy Institute for International Policy

आपको क्या लगता है इस ताजा वारदात से ऑस्ट्रेलिया के समाज पर कैसा प्रभाव पड़ेगा?

लोग इस घटना को पारिभाषित करने की कोशिश कर रहे हैं - एक आतंकवादी हमला, सनकी बंदूकधारी, द्वेष के साथ अपराधी, जो इस्लामी चोले में अपने असली इरादों को छिपाने की कोशिश कर रहा था. यह उस पर प्रकाश डालता है कि कितनी आसानी के साथ एक व्यक्ति बंदूक हासिल कर लेता है और एक ऐसे बड़े शहर को नुकसान पहुंचा देता है, जिस देश में जहां बंदूक कानून बेहद सख्त है.

आईएसआईएल के खिलाफ लड़ाई में सरकार के शामिल होने से ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षा पर कैसा प्रभाव पड़ा है?

ज्यादातर पश्चिम देशों के साथ ऑस्ट्रेलिया भी सालों से इस्लामी चरमपंथियों के निशाने पर है. इसलिए मुझे नहीं लगता है कि हमारी भागीदारी उस लिहाज से चीजों को बदल पाई है. खुफिया सूचना के आधार पर आतंकवाद चेतावनी को सितंबर महीने में बढ़ा दिया गया, इसका ज्यादा लेना देना सीरिया और इराक में हो रही घटनाओं के बाद लोगों को निर्भीक बनाने से था या फिर कुछ मामलों में हताशा थी क्योंकि सरकार ने उन्हें वहां जाने से रोकने के लिए उनके पासपोर्ट रद्द कर दिया.

खाड़ी में इस्लामिक आतंकी समूहों के लिए लड़ने वाले ऑस्ट्रेलियाइयों की संख्या, उनके समर्थकों और उनसे सहानुभूति रखने वालों द्वारा घरेलू सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में आपका क्या विचार है?

माना जाता है कि खाड़ी में सक्रिय रूप से लड़ने वालों (ऑस्ट्रेलियाइयों) की संख्या करीब 70 है. 20 मारे गए हैं और उतनी ही संख्या में लड़ाई लड़ने के बाद लोग लौट आए हैं. माना जाता है कि दर्जन भर से अधिक सक्रिय समर्थक हैं. इसलिए संख्या बड़ी नहीं है, प्रति व्यक्ति वे महत्वपूर्ण है. सुरक्षा एजेंसियां उन्हें ट्रैक करने में मेहनत कर रही हैं और सरकार ने उन एजेंसियों को महत्वपूर्ण आर्थिक और कानूनी सहायता दी है. यह कहना उचित होगा कि सुरक्षा के क्षेत्र में यह सरकार की पहली प्राथमिकता है.

देश में बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को लेकर चिंताएं हैं. क्या आईएसआईएल ने ऑस्ट्रेलिया में पैर जमा लिया है?

ऐसा कोई संकेत नहीं है कि आईएसआईएल (आईएस) का ढांचा ऑस्ट्रेलिया में मौजूद है लेकिन उसके सोशल मीडिया के बेहतरीन ढंग से इस्तेमाल से कुछ मुस्लिम युवा देश में आकर्षित साबित हुए हैं, जैसा यूरोप में भी हुआ है. संख्या से संकेत मिलता है कि इसका कुछ आकर्षण है. लेकिन यह सिर्फ युवा मुसलमानों तक या फिर आसानी से प्रभावित हो सकने वाले समाज तक सीमित है.

देश में आतंक के खौफ को कम करने के लिए ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने क्या किया है.

इस दिशा में आम तौर पर उन्होंने ठीक काम किया है. उन्होंने खुद को मुस्लिम समुदाय के साथ शुरुआती स्तर पर ही ज्यादा मेलमिलाप किया है. इसके बाद अगर कानून में किसी तरह के बदलाव की जरूरत होती है, तो उन्हें लोकप्रिय और द्विपक्षीय राजनीतिक समर्थन मिल सकता है.