ऑस्ट्रेलिया में आतंक विरोधी कार्रवाई
१८ सितम्बर २०१४इन लोगों को ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े शहर सिडनी और ब्रिसबेन से पकड़ा गया और इस कार्रवाई में सैकड़ों पुलिसवालों ने भूमिका निभाई. उन्हें अलग अलग घरों से पकड़ा गया है.
मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि एक आरोपी उमरजान आजारी पर हिरासत में लिए जाने के कुछ ही देर बाद अदालत में ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर आतंकवादी साजिश रचने का आरोप लगाया गया. पुलिस का कहना है कि इन लोगों को ऑस्ट्रेलिया में आईएस के सबसे बड़े नेता मुहम्मद अली बरयालाई से टेलीफोन पर आदेश मिला. इस कॉल को दो दिन पहले टैप किया गया.
सिडनी में बाउंसर का काम और एक्टिंग कर चुके बरयालाई पर आरोप है कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के कई युवकों को आईएस के साथ कंधे से कंधा मिला कर लड़ने के लिए तैयार किया. आईएस इराक और सीरिया में खिलाफत स्थापित करने का विचार रखता है.
ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टर एबीसी के मुताबिक सरकारी वकीलों ने सिडनी की स्थानीय केंद्रीय अदालत में कहा कि आजारी पर कथित तौर पर आरोप है कि वह समुदायों के बीच दहशत और आतंक फैलाना चाहता था.
खतरनाक थी योजना
पुलिस और सरकारी वकीलों ने इस कथित हमले की साजिश के बारे में विस्तार से नहीं बताया लेकिन एबीसी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का हवाला देते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वे लोग सिडनी या मेलबर्न में किसी का सिर कलम करना चाह रहे थे और इसकी वीडियोग्राफी करना चाहते थे. इसके बाद यह रिकॉर्डिंग आईएस को भेजे जाने की योजना थी.
एबीसी के मुताबिक आजारी ने जमानत के लिए अर्जी नहीं दी और इस मामले को 13 नवंबर तक के लिए मुलतवी कर दिया गया. इससे पहले न्यूसाउथ वेल्स के पुलिस कमिश्नर एंड्रयू स्किपियोने ने पत्रकारों से कहा कि एक बड़े हमले की साजिश का पर्दाफाश किया गया है, "ये योजनाएं बहुत करीब थीं लेकिन उन्हें नाकाम कर दिया गया है."
कार्यकारी पुलिस कमिश्नर एंड्रयू कॉलविन ने कहा, "ये हिंसक कार्रवाई जनता में से किसी के साथ होने वाली थी." क्वींसलैंड के पुलिस कमिश्नर इयान स्टीवर्ट ने इस बात की पुष्टि की कि पुलिस ने ब्रिसबेन के उपनगरों में घरों पर छापे मारे लेकिन कार्रवाई में ज्यादा ध्यान सिडनी पर दिया गया.
पिछले हफ्ते दो लोगों को ब्रिसबेन में अलग से गिरफ्तार किया गया था, जिन पर सीरिया में युद्ध में लगे अल-नुसरा संगठन को आर्थिक मदद देने का आरोप है, ताकि वह लड़ाकों की भर्ती कर सके.
प्रधानमंत्री का बयान
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट ने कहा कि उन्हें बुधवार रात इस आतंकवाद-निरोधी कार्रवाई के बारे में जानकारी दी गई. एबट का कहना है कि कार्रवाई "विशेष खुफिया सूचनाओं" पर आधारित थी, "यह सिर्फ संदेह का मामला नहीं था, उनका यह अभिप्राय था और इसलिए पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को इस तरह कार्रवाई करनी पड़ी."
उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं, जो ऑस्ट्रेलिया में रहने और यहां की जीवनशैली का फायदा उठाने के बावजूद नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. सरकार का अनुमान है कि करीब 60 लोग इस तरह की गतिविधियों में सीधे तरह से संलिप्त हैं और यह पूरा नेटवर्क इससे बड़ा है.
जर्मनी और आईएस
इस बीच, जर्मनी में आईएस का सहयोग करने के आरोप में एक शख्स के खिलाफ फ्रैंकफर्ट की अदालत में मुकदमा शुरू हुआ है. 20 साल के क्रेशनिक बी पर आरोप है कि वह 2013 में इराक और सीरिया में आईएस के साथ रहा. वह मूल रूप से कोसोवो का है.
जर्मनी के सरकारी वकीलों का कहना है कि क्रेशनिक पिछले साल सीरिया गया और उसने अलेप्पो के पास युद्ध में हिस्सा लिया. पिछले साल दिसंबर में जर्मनी लौटने के साथ ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. उसके वकील मुतलू गुनाल ने अदालत से कहा, "मुझे कहना है कि मेरा मुवक्किल मानसिक तनाव से गुजर रहा है."
पश्चिमी देशों के सैकड़ों युवा सीरिया और इराक में जाकर युद्ध में हिस्सा ले रहे हैं. इस घटनाक्रम के बढ़ने से पश्चिमी देशों में भी चिंता बढ़ रही है.
एजेए/आईबी (डीपीए, रॉयटर्स)