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ओबामा आ रहे हैं तो पेडों पर नारियल भी मत रहने दो

३ नवम्बर २०१०

ओबामा के कदम मुंबई में क्या पड़ेंगे पूरा इलाका थर्रा उठेगा. इन कदमों की आहट कहीं जलजला ना ला दे इसलिए एहतियात पूरी है. यही वजह है कि पेडों पर लगे नारियल भी तोड़ दिए गए. कहीं राष्ट्रपति के सिर पर ना गिर पड़ें इस डर से.

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तस्वीर: AP

आपको यह खबर हैरानी में डाल सकती है कि अमेरिकी राष्ट्रपति को पेड़ पर लगे नारियलों से भी खतरा है. कम से कम मुंबई का म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन तो यही मानता है. गांधी म्यूजियम के परिसर में लगे पेड़ों पर लगे नारियल इसी डर से तोड़ लिए गए कि कहीं ओबामा के सिर पर न गिर जाएं. कुछ दिन पहले तक नारियल से लदे इन पेड़ों पर अब बस शाखें और पत्ते ही बचे हैं.

वैसे गांधी म्यूजियम मणि भवन के कार्यकारी सचिव मेघश्याम अजगांवकर के पास नारियलों को हटाने की पक्की वजहें हैं, "नारियल पेड़ों से टूटकर गिर रहे थे इसलिए हमने स्थानीय अधिकारियों से कहा कि वे बाकी बचे नारियलों को तुड़वा दें."

मणि भवन ही वह जगह है जहां बापू 1917 से 1934 के दौरान अपनी हर मुंबई यात्रा के दौरान रहे. यह दक्षिणी मुंबई के लेबर्नम ग्रोव में है और इसके चारों तरफ नारियल के पेड़ों की कतार है. अजगांवकर का कहना है कि ओबामा के यहां आने से पहले सुरक्षा अधिकारियों ने पूरे इलाके को अपनी निगहबानी में ले लिया है. म्यूजियम और लाइब्रेरी पर अब सुरक्षाकर्मियों का जमघट है.

ओबामा गांधी को अक्सर अपने आदर्श और प्रेरणा बताया करते हैं. यहां तक कि राष्ट्रपति भवन के ओवल हाउस में उन्होंने फ्रेम में जड़ी बापू की एक तस्वीर भी लगा रखी है. नोबेल शांति पुरस्कार लेते समय अपने भाषण में भी ओबामा ने बापू का जिक्र किया.

बहरहाल नारियल के पेड़ इस बात पर संतोष जाहिर कर सकते हैं कि सिर्फ नारियलों के ही गिरने का खतरा पेड़ों का नहीं वरना...

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः वी कुमार

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