1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

"कट्टरपंथी" हमले की साजिश में धरा गया एक और जर्मन सैनिक

१० मई २०१७

जर्मनी में "कट्टरपंथी" हमले की साजिश रचने के आरोप में एक और सैनिक को पकड़ा गया है. कट्टर दक्षिणपंथी विचारों के चलते वह कुछ ऐसे जर्मन नेताओं पर हमले की योजना बना रहा था, जो विदेशियों के देश में आने के खिलाफ नहीं हैं.

https://p.dw.com/p/2cj69
Deutschland Polizei Razzia
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Stratenschulte

जर्मनी के संघीय अभियोजक मानते हैं कि तीन संदिग्ध मिल कर एक हमला करने की योजना बना रहे थे, जिसका आरोप वे शरण के इच्छुक लोगों पर लगाने वाले थे. लगातार ऐसा दूसरा मामला सामने आने से जर्मन जनता भी हैरान है और देश की सेना में गहरी होती दक्षिणपंथी सोच को लेकर सार्वजनिक बहस छिड़ गयी है.

अभियोजन पक्ष ने अपने बयान में कहा, "आरोपियों पर गहरा संदेह है कि वह कट्टर दक्षिणपंथी धारणाओं के चलते राज्य के खिलाफ किसी बड़ी हिंसक घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा था." इन संदिग्धों के हमलों का निशाना बनाये जाने वाले नेताओं की संभावित सूची में पूर्व जर्मन राष्ट्रपति योआखिम गाउक और न्याय मंत्री हाइको मास भी थे. संदिग्धों की योजना थी कि उनका हमला दिखने में इस्लामी कट्टरपंथियों की कार्रवाई लगे.

ताजा मामले में पहले दोनों संदिग्धों में एक जर्मन सैनिक है और दूसरा एक छात्र, जिनकी पहचान फ्रांको ए और माथियास एफ के रूप में हुई है. वे 26 अप्रैल से हिरासत में हैं. तीसरे संदिग्ध का नाम माक्सिमिलियान टी बताया है, जो कि 27 साल का जर्मन नागरिक है.

समातार साप्ताहिक डेय श्पीगेल ने लिखा है कि फ्रांको ए के पास से बरामद चीजों में हमले की ओर इशारा करने वाली चीजें मिली हैं. वहां न्याय मंत्रालय का पता और आप्रवासियों के लिये काम करने वाले बर्लिन के एक गैरसरकारी संगठन अमादो-एंतोनियो फाउंडेशन के कमरे का स्केच भी मिला है. इसके अलावा वहां कई तरह के हथियारों के नाम और उनकी कीमतों की सूची भी मिली. माक्सिमिलियान टी सितंबर 2015 में भी संदेह के दायरे में आया था जब एक साथी जर्मन सैनिक ने शिकायत की थी कि वह उसे गैर जर्मन लोगों पर हमला करने के लिए अपने साथ मिलाना चाहता था. लेकिन साक्ष्यों के अभाव में उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी.

लगातार सामने आ रही सेना से संबंधित शिकायतों के कारण मुश्किल में पड़ी रक्षा मंत्री उर्सुला फॉन डेय लाएन के समर्थन में अब चांसलर अंगेला मैर्केल उतर गई हैं. उन्होंने कहा, "यह दक्षिणपंथी कट्टरवादी पृष्ठभूमि वाली अविश्वसनीय कहानी है. और रक्षा मंत्री ने इसे हल्के में ना लेकर साफ साफ वह कहा जो सच है."

फ्रांको ए फ्रांस में आर्मी बटालियन के साथ तैनात था. उसने नकली पहचान बता कर एक सीरियाई शरणार्थी के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन कराया और फिर बवेरिया में शरणार्थियों के लिए बने कैंप में रहने लगा. वह बिल्कुल भी अरबी भाषा नहीं बोल पाता था, फिर भी कैंप में किसी को उस पर शक ना होना भी संदेहास्पद माना जा रहा है. 

आरपी/एमजे (रॉयटर्स)