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कनिष्क मामलाः इंदरजीत रैयत ने माफी मांगी

२० नवम्बर २०१०

एयर इंडिया की उड़ान कनिष्क को बम से उड़ा देने के मामले में दोषी ठहराए गए इकलौते व्यक्ति इंदरजीत सिंह रैयत ने इस हमले में मारे गए 331 लोगों के परिवारों से अदालत में माफी मांगी है.

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तस्वीर: dpa

कैनेडा ब्रॉडकास्टिंग कोर्पोरेशन (सीबीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को वैंकूवर की अदालत में जब रैयत के वकील ने उसके माफी वाले पत्र को पढ़ा तो वह अपने आंसुओं को साफ कर रहा था. रिपोर्ट में रैयत के बयान के हवाले से कहा गया है, "मैं ईमानदारी से हर पीड़ित से माफी मांगता हूं. मारे गए लोगों के लिए हमेशा मेरा दिल पसीजता है." उसने यह भी कहा कि वह हमले में मारे गए लोगों और उनके परिवारों के लिए दुआ करता है.

ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मार्क मैकइवान ने अपने फैसले में कहा, "कुछ लोग एकजुट हुए और एक राजनीतिक कारण के लिए उन्होंने 331 लोगों को मारने का फैसला किया." रैयत को 7 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी. उसे बम हमले की साजिश के मास्टरमाइंड होने के आरोप से बरी हुए रिपुदमन सिंह मलिक और अजैब सिंह बागरी के मुकदमे में झूठ बोलने के लिए 14 साल तक सजा हो सकती है.

रैयत को 2003 में अभियोजन पक्ष की तरफ से गवाही देने के लिए बुलाया गया. इससे पहले उसने अपनी गलती मानते हुए सजा में छूट की अपील की थी. बाद में उसने साजिश के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. उसने यह भी नहीं बताया कि उसे बम बनाने में मदद करने के लिए क्यों कहा गया था.

23 जून 1985 को आयरलैंड से मॉन्ट्रियल के रवाना हुआ एयर इंडिया का विमान धमाके के बाद अटलांटिक सागर में आ गिरा. अभियोजन पक्ष ने मुकदमे में झूठ बोलने के जुर्म में रैयत के लिए अधिकतम 14 साल की सजा मांगी है. वह इस हमलें में अपनी भूमिका के लिए दो दशक पहले ही जेल में बिता चुका है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एमजी

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